समग्र समाचार सेवा
देहरादून,15मई। राष्ट्रीय डेंगू दिवस 16 मई के रूप में मनाया जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अनूप कुमार डिमरी ने डेंगू मलेरिया के लक्षणों की जानकारी देते हुए आम जनमास को उसके बचाव के सम्बन्ध में जानकारी दी। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू बुखार एक प्रकार के मच्छर के काटने से फैलने वाला वायरल बुखार है मच्छर एक वैक्टर है और इसके द्वारा फैलने वाली बिमारी को मच्छर जनित रोग कहते है। डेंगू सभी मच्छरों के काटने से नही फैलता है। संक्रमित एडीज ईजिप्टाइ और एडीज एल्बोपिक्टस नामक मादा मच्छर के काटने से यह फैलता है। एडीज मच्छर के षरीर पर काले व सफेद रंग की पट्टियां हाती है। उन्होने बताया कि यह मच्छर ज्यादातर दिन के समय ही काटते है। एडिज मच्छर एकत्रित साफ व स्थिर पानी में पनपता है । अगर किसी व्यक्ति को डेंगू का संक्रमण है और एडिज मादा मच्छर उस संक्रमित व्यक्ति से खून पीता है तो मच्छर में डेंगू वायरस युक्त खून चला जाता है तथा यह संक्रमित मच्छर जब किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति डेंगू के वायरस से संक्रमित हो जाता है । इस प्रकार यह चक्र चलता रहता है।
माानव निर्मित बर्तन, पानी की टंकी रूम कूलर फूल दान टूटी फूटी बोतलें नारियल का खोल गमले टंकी के ढक्कन का किनारा पुराने टायर्स व डिब्बे आदि यहां तक कि पत्तियों में भी अगर एक सप्ताह तक पानी ठहरा हो तो यह मच्छर आसानी से पनप सकता है अधिकांशतः यह मच्छर घर के अन्दर ही रहता है तथा दिन के समय काटता है। उन्होंने डेंगू के प्रकार के सम्बन्ध में बताया कि डेंगू वायरस चार प्रकार के होते है DEN1 ,DEN2,DEN3,DEN4 डेंगू बिमारी एक ऐसा बुखार है जिसे महामारी के रूप में देखा गया है।वयस्कों की तुलना में बच्चों में इस बिमारी की तीव्रता अधिक होती है तथा डेंगू उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। संक्रमित मच्छर द्वारा स्वस्थ्य व्यक्ति को काटने एवं व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण प्रकट होने की अवधि को संक्रमण काल कहते हैं। यह 3-14 दिनों तक होता है। डेंगू बुखार के लक्षण तीन प्रकार का होता है, डेंगू साधारण बुखार, .डेंगू हॅमरेजिक बुखार,.डेंगू शाक सिन्ड्रोम है।
.ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढना,.मांसपेषियों तथा जोडों में दर्द होना इसी कारण इसे हडडी तोड बुखार भी कहते है, आंखों के पिछले भाग में दर्द होना जो ऑखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ जाता है।अत्याधिक कमजोरी लगना, भूख न लगना, गले में दर्द होना, शरीर पर लाल चकते आना, साधारण डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी स्वयं ठीक हो जाता है। यदि साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ निम्नलिखित लक्षणों में से एक भी लक्षण प्रकट होता है। त्वचा पर गहरे नीले काले रंग के छोटे या बडे चिकते पड जाना, नाक मसूढों से खून आना आदि रक्स्राव (हैमरेजि बुखार) के लक्षण है। इस प्रकार के डेंगू बुखार में हैमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ कुछ और लक्षण भी प्रकट हो जाते है जैसे रोगी अत्यधिक बेचैन हो जाता है और तेज बुखार के बावजूद भी उसकी त्वचा ठंडी महसूस होती है। रोगी धीरे-धीरे होश खोने लगता है ।.यदि रोगी की नाडी देखी जाए तो वह तेज और कमजोर महसूस होती हैं। रोगी का रक्तचाप कम होने लगता है। उपचार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साधारण डेंगू बुखार स्वंय ठीक होने वाला रोग है इसका उपचार लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है।बुखार के लिए पेरासिटामॉल की गोली ही सुरक्षित है।रोगी की डिस्प्रिन/एस्प्रिन कभी ना दें।सामान्य रूप से भोजन देना जारी रखें व अधिक पानी पिलायें।.रोगी को आराम करने दें।.यदि रोगी में डेंगू या हैमरेजिक बुखार, डेंगू षौक सिन्ड्रोम की ओर संकेत करने वाला एक भी लक्षण प्रकट होता नजर आए तो रोगी को षीघ्र निकटतम अस्पताल में ले जाए ताकि वगां आवशयक परीक्षण करके रोग का सही उपचार किया जा सके।