जब एमए, बीएड करके इस व्यक्ति ने लिया खेती करने का फैसला, अन्धेरें में रोशनी से भरी किसान संतोष सिंह की जिन्दगी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13मई। उत्तर प्रदेश के बलिया के एक युवा किसान ने काले आलू की खेती कर सबको अचंभित कर दिया है। जी हां, यहां सोहांव विकास खण्ड के दौलतपुर गांव के किसान संतोष सिंह ने एमए, बीएड करने के बाद खेती को चुना तो घर-परिवार के अलावा अन्य लोग भी चौंक पड़े। लेकिन संतोष सिंह अपने इरादों से डिगे नहीं। शुरुआत में परंपरागत खेती से उन्होंने अपनी शुरूआत की।

दो वर्ष पहले इंटरनेट के जरिए काला धान की जानकारी हुई तो एक एकड़ में उसकी खेती की। अच्छी आमदनी हुई तो संतोष के हौसलों ने उड़ान भरी। इस बार उन्होंने प्रयोग के तौर पर काला गेहूं, काला चना और काले आलू की खेती की है। काला तैयार हुआ तो उसे खेतों से निकलवा लिया है। प्रति दो कट्ठे में तीन कुंतल के हिसाब से आलू निकला शुरू हुआ।

संतोष सिंह ने बताया कि काला आलू की पैदावार सामान्य लाल या सफेद आलू से अच्छी हुई है। अगले सीजन से व्यापक पैमाने पर इसकी खेती करूंगा। संतोष बताते हैं कि मेरे खेतों में काला गेहूं और काले चने की पैदावार भी अच्छी दिख रही है। फसल पकने के बाद कटेगी तो उसका मूल्यांकन किया जाएगा, यदि पैदावार औसत से अधिक हुई तो काले रंग से ही अपने जीवन में उजाला लाने का प्रयास करूंगा।

इसके साथ ही संतोष सिंह ने काले के बारें में बताया कि काले आलू में सेहत का खजाना छिपा हुआ है, इसमें वसा नहीं होता है। बल्कि यह रक्त की कमी को पूरा करके शरीर में मोटापा कम करता है। इस आलू में 40 प्रतिशत तक आयरन रहता है। इसमें बिटामिन बी-6 और फ्लोरिक एसिड भी मिलता है। इसके अलावा काला आलू हीमोग्लोबिन बढ़ाने का काम करता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए यह आलू सर्वाधिक फायदेमंद है। साथ में खून की कमी से जूझ रहे व्यक्ति के लिए यह संजीवनी बूटी की तरह है।

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