सऊदी अरब ने पाठ्यक्रमों में शामिल किया महाभारत और रामायण, जानें आखिर क्यों भारत की संस्कृति का इस्लामिक मुल्क करेंगा अध्ययन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25अप्रैल। इस्लामिक मुल्क सऊदी अरब ने अब अपनें यहां के विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में महाभारत और रामायण को शामिल किया है। बता दें कि प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत देश के शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न देशों के इतिहास और संस्कृति को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। जिसका उद्देश्य यह कि वहां की जनता सभी देंशों की संस्कति के बारें में जाने और अध्ययन करें। प्रिंस ने अपने देश के छात्रों के लिए अन्य देशों के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन को जरूरी बताया है जिसके तहत छात्रों को रामायण और महाभारत पढ़ाया जायेगा। अध्ययन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भारतीय संस्कृतियों जैसे योग और आयुर्वेद पर ध्यान केंद्रित करेगा।
Saudi Arabia’s new #vision2030 & curriculum will help to create coexistent,moderate & tolerant generation. Screenshots of my sons school exam today in Social Studies included concepts & history of Hinduism,Buddhism,Ramayana, Karma, Mahabharata &Dharma. I enjoyed helping him study pic.twitter.com/w9c8WYstt9
— Nouf Almarwaai نوف المروعي 🇸🇦 (@NoufMarwaai) April 15, 2021
सऊदी के एक ट्विटर यूजर नूफ-अल-मारवाई ने स्क्रीनशॉट साझा करके यह बताया है। उन्होंने लिखा, सऊदी अरब का नया विजन -2030 और सिलेबस एक ऐसा भविष्य बनाने में मदद करेगा, जो समावेशी, उदार और सहिष्णु हो। सामाजिक अध्ययन की पुस्तक का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि मेरे बेटे की स्कूल परीक्षा के सिलेबस में हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, रामायण, महाभारत को जगह दी गयी है. कर्म व धर्म की अवधारणाओं को शामिल किया गया है। उन्होंने लिखा कि उन्हें अपने बेटे को किताब पढ़ने में मदद करके काफी मजा आया।
मुस्लिम देश द्वारा पाठ्यक्रम में अपनाई जा रही इस विविधता को लेकर काफी तारीफ भी हो रही है। इस ट्वीट को राज्यसभा सांसद डॉक्टर विनय सहस्त्रबुद्धे ने रीट्वीट किया है और इसकी खूब सराहना की है. वहीं नूफ की बात करें तो वह पैदा होने के बाद से ही ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रही हैं. सऊदी अरब में योग को वैद्य कराने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है।