‘मन की बात’- पीएम मोदी ने कहा- मुफ्त वैक्सीन कार्यक्रम जारी रहेगा लेकिन ‘दवाई भी, कड़ाई भी” मंत्र नहीं भूलना

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25अप्रैल। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच आज पीएम मोदी ने मन की बात की। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पूरे देश को झकझोर दिया और इस दौरान हमें ‘दवाई भी कड़ाई भी’ का मंत्र याद रखना होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आप सभी को मालूम होगा कि भारत सरकार की तरफ से सभी राज्य सरकारों को free vaccine भेजी गई है, जिसका लाभ 45 साल की उम्र के ऊपर के लोग ले सकते हैं और अब 1 मई से 18 साल के ऊपर के हर व्यक्ति को कोरोना वैक्सीन मिलेगा।
मेरा राज्यों से भी आग्रह है, कि, वो भारत सरकार के इस मुफ़्त Vaccine अभियान का लाभ अपने राज्य के ज्यादा-से-ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि मुझे ये भी कहना है कि भारत सरकार की तरफ से मुफ़्त Vaccine का जो कार्यक्रम अभी चल रहा है, वो, आगे भी चलता रहेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, साथियो, कोरोना के खिलाफ इस समय बहुत बड़ी लड़ाई देश के डॉक्टर और स्वास्थय कर्मचारी लड़ रहे हैं. पिछले एक साल में उन्हें इस बीमारी को लेकर हर तरह के अनुभव भी हुए हैं और इस समय, हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए, experts और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है. राज्य सरकार के प्रयत्नों को आगे बढ़ाने में भारत सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है. राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है, इसलिए, मेरा आग्रह है कि Vaccine को लेकर किसी भी अफ़वाह में न आएं।

पीएम ने कहा कि मेरे प्यारे देशवासियो, आज ‘मन की बात’ की पूरी चर्चा को हमने कोरोना महामारी पर ही रखा, क्योंकि, आज, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, इस बीमारी को हराना। ‘दवाई भी, कड़ाई भी – इस मंत्र को कभी भी नहीं भूलना है। हम जल्द ही साथ मिलकर इस आपदा से बाहर आयेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि ‘आज भगवान महावीर जयंती भी है. इस अवसर पर मैं सभी देशवासियों को शुभकामनायें देता हूं. भगवान महावीर के सन्देश, हमें, तप और आत्म संयम की प्रेरणा देते हैं।’
पीएम ने कहा कि अभी रमजान का पवित्र महीना भी चल रहा है. आगे बुद्ध पूर्णिमा भी है. गुरु तेगबहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व भी है. एक महत्वपूर्ण दिन पोचिशे बोइशाक – टैगोर जयंती का है. ये सभी हमें प्रेरणा देते हैं अपने कर्तव्यों को निभाने की।’

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