समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज, 14अप्रैल।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की तेज रफ्तार को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार को पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि कोरोना से प्रभावित शहरों में 2 या 3 हफ्ते के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करे। इसके साथ ही सरकार ट्रैकिंग, टेस्टिंग, व ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाए और खुले मैदानों में अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों के इलाज की व्यवस्था करे। अदालत ने कहा कि यदि जरूरी हो तो यूपी सरकार संविदा पर स्टाफ तैनात कर सकती है। हाई कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख 19 अप्रैल को सचिव स्तर के अधिकारी से हलफनामा मांगा है।
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने कहा कि सड़क पर कोई भी शख्स बिना मास्क के दिखाई नहीं देना चाहिए, वर्ना कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही करेगी। अदालत ने कहा कि सरकार बंदोबस्त करे कि सामाजिक और धार्मिक आयोजनों मे 50 आदमी से अधिक न इकट्ठा हों। कोर्ट ने ये आदेश प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर कायम जनहित याचिका पर दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि ‘नाइट कर्फ्यू’ या ‘कोरोना कर्फ्यू’ संक्रमण फैलाव रोकने के छोटे कदम हैं और ये नाइट पार्टी, नवरात्रि एवं रमजान में धार्मिक भीड़ रोकने तक ही सीमित हैं।
कोर्ट ने कहा कि नदी में जब तूफान आता है तो बांध उसे नहीं रोक पाते, लेकिन फिर भी हमें कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयास करने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि दिन मे भी गैर जरूरी ट्रैफिक को कंट्रोल किया जाए। जीवन रहेगा तो दोबारा सुविधाएं ले सकेंगे और अर्थव्यवस्था भी दुरूस्त हो जाएगी। कोर्ट ने कहा, ‘विकास व्यक्तियों के लिए है, जब आदमी ही नहीं रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ रह जाएगा? संक्रमण फैले एक साल बीत रहे है लेकिन इलाज की सुविधाओं को बढ़ाया नहीं जा सका।’