चैत्र नवरात्रि 2021: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की ऐसे करें पूजा, यहां जानें देवी के मंत्र

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14अप्रैल।
13अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी है, चारो तरफ मां के जय- जयकार हो रही है। कल यानि 15 अप्रैल को नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां का यह रूप अतिसुंदर और मनमोहक है।
माँ का स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है। इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है इसलिए मां को चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके दस हाथ हैं। इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि-

तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की आराधना करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थान पर देवी की मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद इन्हें गंगा जल से स्नान कराएं। तत्पश्चात धूप-दीप, पुष्प, रोली, चंदन और फल-प्रसाद से देवी की पूजा करें और संप्तशती मंत्रों का जाप करें। मां के दिव्य रुप में ध्यान लगाएं।

मां चंद्रघंटा मंत्र-
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता.

प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

ध्यान मंत्र:

वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्.

सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्॥

मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्.

खंग, गदा, त्रिशूल,चापशर,पदम कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्.

मंजीर हार केयूर,किंकिणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥

प्रफुल्ल वंदना बिबाधारा कांत कपोलां तुगं कुचाम्.

कमनीयां लावाण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥

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