समग्र समाचार सेवा
हरिद्वार, 12 अप्रैल।
महाकुंभ हरिद्वार में पहुंचे जंगम साधुओं ने शिव भक्ति की एक अलग ही अलख जला रखी है। इनकी मंत्रमुग्ध कर देना वाली पूजा पद्दति और शिव की महिमा के गुणगान से आम नागरिक ही नहीं शिव भक्त भी ओतप्रोत हो रहे हैं।
अक्सर आपने देखा होगा कि श्रद्धालु ही साधु-संतों को दान-भिक्षा देते हैं लेकिन क्या आपने कभी ऐसे साधु देखे हैं जो सिर्फ दूसरे साधुओं से ही दान-भिक्षा लेते हों। जी हां इन साधुओं को जंगम साधु कहा जाता है। जंगम साधु अपने पहनावे से हरिद्वार कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। जंगम साधु शैव संप्रदाय से जुड़े होते हैं, जो सिर्फ शिवजी की पूजा अर्चना करते हैं और केवल साधु-संतों से ही दान भिक्षा लेते हैं। ये देशभर में दूसरे अखाड़ों के साधुओं से ही दान लेते हैं और इस दान के सहारे ही जीवन जीते हैं।
हरिद्वार कुंभ में ये जंगम साधु सभी 13 अखाड़ों में जाकर भिक्षा मांगते देखे जा सकते हैं। ये साधु मोर पंख लगी पगड़ी सिर पर पहनते हैं। पौराणिक गाथा के अनुसार अंजाम साधुओं को शिवजी का पुरोहित माना जाता है और यह भी कहा आता है कि शिवजी की शादी भी इस सम्प्रदाय से जुड़े साधुओं ने करवाई। इनका सारा समय शिव के गुणगान में व्यतीत होता है और कुम्भ में यह हर अखाड़े में जाकर साधुओं से भिक्षा मांग कर अपना गुजारा चला रहे है।