समग्र समाचार सेवा
किशनगंज, 10 अप्रैल।
बिहार के किशनगंज में हुए एक दर्दनाक वाकया ने झकझोर कर रख दिया है। यहां छापेमारी करने गए थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार की बेरहमी से पीट- पीट कर हत्या कर दी गई।
बता दें कि किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार अपनी टीम के साथ किशनगंज से सटे बंगाल के बनतापारा में शुक्रवार देर रात चोरी केस में छापेमारी करने गए थे। लेकिन उग्र भीड़ ने अपराधियों का साथ देते हुए पुलिस पर हमला कर दिया। इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी किसी तरह वहां बच निकले, लेकिन इंस्पेक्टर अश्विनी अपराधियों के हाथ लग गए और हिंसक भीड़ ने उन्हें पीट-पीट कर मार डाला। सबसे बड़ी बात यह है कि इस घटना के दौरान बंगाल की स्थानिय पुलिस ने भी उनका साथ नही दिया।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारी पूर्णिया आईजी सुरेश चौधरी और एसपी कुमार आशीष भी पहुंच गए। इसके बाद किशनगंज नगर थाने के एसएचओ का शव पोस्टमार्टम के लिए इस्लामपुर अस्पताल लाया गया, जहां अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि उनका गला दबा कर हत्या की गई है।
WB: SHO of Kishanganj Police Station in Bihar, Ashwini Kumar beaten to death by a crowd in a village in Goalpokhar police station area of Uttar Dinajpur. IG Purnia Range says, "He had come for a raid in connection with a bike theft. Islampur SP with us. We'll raid & make arrests" pic.twitter.com/lwUEodPDWr
— ANI (@ANI) April 10, 2021
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब किसी पुलिस वाले की इस तरह से बेरहमी से हत्या कर दी गई हो। इससे पहले भी छापेमारी के दौरान कई पुलिस कर्मचारियों की हत्या हो चुकी है। 24 फरवरी को भी बिहार के सीतामढ़ी में शराब तस्करी होने और शराब की खेप उतरने की गुप्त सूचना पर मेजरगंज के दरोगा दिनेश राम ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की थी। इस दौरान तस्करों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में तीन नामजद और अन्य अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
अब सवाल यह उठता है कि जो पुलिस आमजन की सूरक्षा के लिए हमेशा तत्पार रहती है आखिर उसी पर हमला क्यों……कब तक लोग अपराधियों के बहकावे में आकर अपने रक्षक के साथ ही अन्याय करते रहेगें?