समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9अप्रैल।
हिंदू धर्म में सभी अमावस्वा की तरह दर्श अमावस्या का भी खास महत्व होता है। दर्श अमावस्या के दिन पूर्वजों का पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। इस बार दर्श अमावस्या 11 अप्रैल 2021 को मनाई जाएगी। इस दिन चांद पूरी तरह से गायब हो जाता है। कहा जाता है कि कालसर्प दोष निवारण के लिए भी इस अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है।
शुभ मुहूर्त
चैत्र, कृष्ण अमावस्या
प्रारम्भ – 06:03 am अप्रैल 11
समाप्त – 08:00 am, अप्रैल 12
दर्श अमावस्या पूजन विधि-
अमावस्या के दिन स्नान-दान करने की परंपरा है। इस दिन गंगा-स्नान का विशिष्ट महत्व माना गया है, परंतु जो लोग गंगा स्नान करने नहीं जा पाते, वे किसी भी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकते हैं तथा शिव-पार्वती और तुलसीजी की पूजा करते हैं।
दर्श अमावस्या के खास दिन का व्रत रखने और चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र देवता अपनी कृपा बरसाते हैं और सौभाग्य व समृद्धि का आर्शीवाद देते हैं। चंद्र देव भावनाओं और दिव्य अनुग्रह के स्वामी हैं। इसे श्राद्ध की अमावस्या भी कहते हैं।