अजय रमोला
समग्र समाचार सेवा
मसूरी,8 अप्रैल।
पर्यटन व्यवसाय से जुडी संस्थानों ने मसूरी के एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में में सरकार से मांग की की अगर उत्तराखंड में आने वाले पर्यटकों को लेकर लागू सख्त नियमों को बदला नहीं गया तो उन्हें आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा।
इस वार्ता में सम्मलित उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन,मसूरी होटल असोसिएशन, उत्तराखंड टैक्सी-मैक्स असोसिएशनएवं मसूरी ट्रेडर्स असोसिएशन के पदधिकारियों ने प्रतिबाह किया।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उत्तराखंड होटल असोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा की कोरोना संक्रमण बढ़ने से पयर्टन व्यवसाय को असीमित क्षति पहुंची है और प्रदेश स्रार द्वारा नई गाइडलिन लागू करने से पर्यटकों की आमद लगभग शून्य तक पहुँच गयी है। होटल खाली पड़े हैं, टैक्सी संचालकों के पास कोई काम नहीं बचा है लिहाज़ा सरकार को पर्यटकों को राज्य में आने से रोका नहीं जाना चाहिए ।
कोरोना संक्रमण के बढने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड पर्यटन प्रदेश है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथन जान भी व जहान भी बचाना है, को आत्मसात करते हुए पर्यटन व्यवसाय हो भी बचाना हम सब का दायित्व है क्योंकि इस व्यवसाय से उत्तराखंड का लगभग हर परिवार जुड़ा हुआ है और अगर ऐसा नहीं किया गया तो इस वर्ष भी हालत नहीं सुधर पाएंगे।
प्रदेश होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि यहां की आर्थिकी पर्यटन पर निर्भर है लिहाजा इसको बचाने की हर स्तर पर कोशिश की जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि अगर कोरोना से हालात बिगड़े व सरकार ने कड़ी गाइड लाइन जारी की तो इसका प्रभाव व्यवसाय से जुड़े हर वर्ग पर पड़ेगा और प्रदेश में रोजगार की समस्या उतपन्न हो जाएगी और इससे सरकार को भी वित्तीय हानि उठानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा क्योंकि पर्यटन से जुड़े सभी फ्रंटलाइन वर्करों का वैक्सीनेशन नितांत आवयश्क है जिसके बारे में सरकार को गंभीरता से सोचना पडेगा । उन्होंने कहा कि गत वर्ष कोरोना काल में होटलों को बंद करने का आदेश सरकार ने दिया लेकिन पूरे वर्ष का बिजली पानी का बिल माफ नहीं किया और उनसे बिल वसूले गये। उन्होंने कहा की नै गाइडलाइन आने के बाद पर्यटन व्यवसाय बुकिंग कैंसिल होने से ठप्प पड़ा है ऐसे में अच्छे पर्यटन सीजन की आस लगाए बैठे व्यापारियों के सामने रोज़ी रोटी का सवाल उठ खड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा की लॉक डाउन के बाद छूट में सरकार ने शराब की दुकाने खुलवाई व कहा कि इससे राजस्व मिलेगा लेकिन उससे कई अधिक राजस्व होटल उद्योग से मिलता है इसलिए पर्यटन व्यवसाय को सुचारू रूप से चलने के लिए सरकार को सहनभूति पूर्वक विचार करना चाहिये। उन्होंने यह भी बताया की अगर उनकी समस्याओं पर गंभीरता से विचार नहीं हुआ तो 16 अप्रैल बाद एक मीटिंग बुलाई जाएगी इसमें आगे की रणनीति तय होगी।
। इस मौके पर ट्रैडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा सरकार को बार्डर पर कोविड टेस्ट करना चाहिए न कि उन पर्यटकों को पहुँच चुके हैं कि वह परेशान ना हो।
उन्होंने कहा की सरकार ने अगर उनकी मांगो पर गौर नहीं किया तो उन्हें विवश होकर आंदोलन का रास्ता अपनाने पर बाध्य होना पड़ेगा। उत्तराखंड टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुंदर पंवार ने कहा कि एनटीपीसीआर बार्डर पर ही की जाना चाहिए । गत वर्ष भी कोरोना के कारण टैक्सी व्यवसाय चैपट रहा सरकार से मांग की गई थी कि दो साल का रोड टैक्स माफ किया जाय लेकिन माात्र छह माह का किया गया।
होटल एसोसिएशन मसूरी के अध्यक्ष आरएन माथुर ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते होटल व्यवसाय पूरा तरह से जमींदोज़ हो गया है और संक्रमण बढ़ने से इसका विपरीत प्रभाव पर्यटन पर पद रहा है। उन्होंने सरकार से पॉलिसी में बदलाव की मांग की और ऐसी पर्यटन नीति लाने की अपेक्षा की जो सब वर्गों के आईटी में है। यह भी कहा की वह अपने कर्मचारियों के टीकरण के लिए खर्च करने को भी तैयार है। साहनी ने पी ऍफ़ और इ इस आई में सहयोग करने की बात कही। इस मौके पर शैलेंद्र कर्णवाल ,राम कुमार गोयल, , जगजीत कुकरेजा,, नीरज गुप्ता, आशीष गोयल, दीपक गुप्ता, नागेंद्र उनियाल आदि मौजूद रहे।