समग्र समाचार सेवा
उज्जैन, 30 मार्च।
दुनिया भर में मनाए जाने वाले होली के त्योहार की शुरुआत धार्मिक नगरी उज्जैन से हो गई। त्योहार की शुरुआत विश्वप्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर से हुई. बाबा महाकाल के दरबार में होली का उत्सव धूम-धाम से मनाया गया. यहां सुबह 4 बजे भस्मारती में पण्डे-पुजारियों ने महाकाल के साथ होली खेली।
यहां सभी ने बाबा की भक्ति में लीन होकर अबीर-गुलाल और फूलों के साथ होली मनाई. बाबा का दरबार रंगों से सराबोर नजर आया. कोरोना काल के कारण बाबा महाकाल की भस्म आरती में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है. यही वजह है कि यहां होली के इस त्योहार पर श्रद्धालु नजर नहीं आए. इस वजह से होली की भस्म आरती बगैर श्रद्धालु के ही संपन्न हुई. महाकाल मंदिर में भस्मारती के दौरन होली मनाने की परंपरा सनातन काल से चली आ रही है.
गौरतलब है कि बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में ही भस्म आरती की परम्परा है. भस्म आरती रोजाना सुबह 4 बजे होती है और परम्परा अनुसार दिवाली, गुड़ी पड़वा, नया वर्ष, मकर संक्रांति, होली सभी त्योहारों की शुरुआत भगवान महाकाल के साथ भस्म आरती में ही की जाती है. इसके चलते सभी त्योहार यहां धूम-धाम से मनाए जाते हैं.