समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 16 मार्च।
राजस्थान में फोन टैपिंग के आरोपों को लेकर बीजपी ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. पार्टी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की और कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पद से इस्तीफा देना चाहिए. हालांकि, राज्य सरकार का कहना है कि राज्य के किसी विधायक या मंत्री का फोन टैप नहीं किया गया।
दरअसल, सरकार पर ये आरोप इस बारे में विधानसभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में दी गई जानकारी के बाद लगाए जा रहे हैं. हालांकि न तो इस प्रश्न और न ही इसके उत्तर में कहीं जिक्र है कि किसके फोन टैप किए गए।
आपको बता दें कि पिछले साल सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे। इसके बाद कांग्रेस ने अपने विधायकों को लंबे समय तक अलग-अलग होटलों में रखा था। इसी घटनाक्रम में विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के फोन टैप किए जाने के आरोप लगे थे। हालांकि, अधिकारियों और खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने इस खबर का खंडन किया था।
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने जयपुर में मीडियाकर्मियों से कहा, ”यह इतना संगीन मामला हो गया कि सदन में झूठ बोला गया व तथ्यों से छेड़छाड़ हुई. मुख्यमंत्री इसके दोषी हैं, जो गृहमंत्री भी हैं. कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री की नीयत में खोट है और वह असुरक्षित महसूस करते हैं… उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और इस प्रकरण की सीबीआई से जांच होनी चहिए.’’पूनियां ने कहा कि सीबीआई जांच होने पर सारी जानकारी सामने आ जाएगी।
वहीं, सरकार की ओर से मुख्य सचेतक महेश जोशी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि किसी भी विधायक या सांसद का फोन टैप नहीं किया गया. जोशी ने कहा, ”सरकार ने सवाल के जवाब में कहा है कि कानून के तहत फोन इंटरसेप्ट करने की एक प्रक्रिया है। सक्षम प्राधिकार से अनुमति लेने के बाद ही फोन इंटरसेप्ट किया जाता है। राजस्थान सरकार ने किसी विधायक या मंत्री का फोन टैप नहीं किया.”