अजय रमोला/स्निग्धा श्रीवास्तव
समग्र समाचार सेवा
देहरादून/नई दिल्ली , 9 मार्च. उत्तराखंड की राजनीति चरम पर है.मुख्यमंत्री का बदलना तय माना जा रहा है .मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत शाम 4 बजे राजभवन पहुँचने वाले हैं .सूत्रों के अनुसार .राज्यपाल को श्री रावत अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं .
नए मुख्यमंत्री के तौर पर अभी त्रिवेन्द्र मंत्रिमंडल में मंत्री धन सिंह रावत जल्द ही शपथ ले सकते हैं. डा. धन सिंह रावत इस समय अपने विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर में है। उन्हें लेने के लिए बकायदा स्टेट हालिकॉप्टर भेज दिया गया है। वह जल्द ही देहरादून पहुंचने वाले हैं।
कल और आज देहरादून से दिल्ली तक सियासी माहौल गरमाया हुआ है.कल प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान का दावा था कि प्रदेश में कोई परिवर्तन नहीं होगा.परन्तु आज समीकरण कुछ और बन गया है.गौरतलब हैं कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ पिछले दो साल से विरोध के स्वर मुखर होने लगे थे.जो कि अब परिणाम के रूप में सबके सामने आ सकता है.उस मुहिम में हरक सिंह रावत,सतपाल महाराज सरीखे नेता शामिल थे.केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी अंदरखाने कई प्रकार की लाबिंग भी की थी,परन्तु उनका पिछला दागदार रिकार्ड उनका दुश्मन बना बताया जाता हैं.
उनके अलावा केन्द्रीय नेतृत्व के सामने दो बेहतर विकल्प थे और आज भी हैं .एक राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी,जो अपेक्षाकृत सबमे युवा हैं और भाजपा के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता हैं .दुसरे अजय भट्ट हैं ,जो अभी प्रदेश से सांसद हैं .प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष हैं .उनकी छवि व कार्य शैली दोनों जन प्रिय है.प्रदेश में एक जन नेता के तौर पर लोकप्रिय है .
उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोशियारी के सुझाव को केन्द्रीय नेतृत्व काफी तरजीह देता हैं .आजकल वह महाराष्ट्र व गोवा के राज्यपाल हैं.वह दिल्ली में रहकर सभी केन्द्रीय नेताओ से प्रदेश के बदलाव पर भी चर्चा की है.
8 मार्च को त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ,महासचिव बी एल संतोष और अन्य पदाधिकारियों के साथ व्यापक चर्चा हुयी थी.उस चर्चा में आम सहमति से धन सिंह रावत को लेकर विचार बना था.वैसे अनिल बलूनी और अजय भट्ट भी उस दौड़ में हैं .पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज भी प्रदेश का कमान संभालने के लिए कई वर्षो से बात जोह रहे हैं .कांग्रेस में रहते हुए उनका वो स्वप्न पूरा नहीं हो सका था.
उल्लेखनीय हैं कि उत्तराखंड में पिछले 20 वर्षो में 7 मुख्यमंत्री बदले गए हैं.त्रिवेन्द्र सिंह रावत 8वें हैं.नए मुख्यमंत्री 9 वें मुख्यमंत्री होंगे .प्रदेश में दो बार राष्ट्रपति शासन भी लगाया गया हैं .मुख्यमंत्री बदलाव के क्रम में कांग्रेस व भाजपा दोनों एक दुसरे से कम नहीं हैं.कांग्रेस राज में भी हंगामा रहा तो भाजपा भी किसी से कम नहीं दिख रही हैं .भाजपा के भुवन चन्द्र खंडूरी दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं जबकि कांग्रेस के हरीश रावत भी दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं.