उड़ीसा: 22 साल बाद गिरफ्तार हुआ गैंगरेप का मुख्य आरोपी, 1999 में ओडिशा सीएम को देना पड़ा था इस्तीफा

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समग्र समाचार सेवा
भुवनेश्वर, 23फरवरी।
गैंपरेप के जिस मामलें के कारण ओडिशा सीएम को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी, उस मामले के मुख्य आरोपी को 22 साल बाद महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है। ओडिशा में एक आईएफएस अधिकारी की पत्नी से हुए गैंगरेप का मुख्य आरोपी 22 साल बाद पुलिस की पकड़ में आया है। बता दें कि इस मामले के कारण ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जेबी पटनायक को 1999 में इस्तीफा देना पड़ा था।
भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस सारंगी ने आज जानकारी देते हुए बताया कि बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन को महाराष्ट्र के लोनावला में आम्बी घाटी से पकड़ा गया, जहां वह जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ प्लम्बर के रूप में काम कर रहा था।

मामला 9 जनवरी, 1999 का है। आईएफएस अधिकारी की पत्नी के साथ तीन लोगों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। उस समय वह अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कार से कटक जा रही थीं। तीनों आरोपियों ने जनवरी की रात में बारंगा के निकट महिला की कार रोक ली थी और उसके साथ गैंगरेप किया था। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई थी। तीनों आरोपी में से दो आरोपियों को घटना के सात दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन दो दशक से ज्यादा समय से फरार था, जिसे अब महाराष्ट्र के लोनावला में आम्बी घाटी से गिरफ्तार कर लिया गया है।

मामले के एक दोषी प्रदीप साहू उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में यहां कैपिटल हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को गिरफ्तार किया गया था।

खुर्दा जिला सत्र न्यायाधीश ने 2002 में उसे एवं टूना मोहंती को दोषी ठहराया था और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई दी। हाईकोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा था।

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