अब हेलमेट से होगी पेट्रोल की बचत, बिना हेलमेट के स्टार्ट नहीं होगी मोटरसाइकिल

यातायात नियम का पालन करने के लियें वाराणसी के अशोका इंस्टिट्यूट के 3 छात्र विपिन मौर्या, आशीष त्रिपाठी, सुलेख कुमार निषाद, आशीष त्रिपाठी ने एक ऐसा ट्रैफिक सिस्टम हेलमेट बनाया है, जो ना की दुर्घटना होने पर परिवार व एम्बुलेंस को दुर्घटना क्षेत्र का लोकेशन सेंड करेगा बल्कि इस हेलमेट से पेट्रोल का बचत भी होगा। इस हेलमेट को छात्रों ने स्मार्ट यातायात हेलमेट का नाम दिया है।

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समग्र समाचार सेवा
वाराणसी, 16फरवरी।

यातायात नियम का पालन करने के लियें वाराणसी के अशोका इंस्टिट्यूट के 3 छात्र विपिन मौर्या, आशीष त्रिपाठी, सुलेख कुमार निषाद, आशीष त्रिपाठी ने एक ऐसा ट्रैफिक सिस्टम हेलमेट बनाया है, जो ना की दुर्घटना होने पर परिवार व एम्बुलेंस को दुर्घटना क्षेत्र का लोकेशन सेंड करेगा बल्कि इस हेलमेट से पेट्रोल का बचत भी होगा। इस हेलमेट को छात्रों ने स्मार्ट यातायात हेलमेट का नाम दिया है।

In order to follow the traffic rules, 3 students of Ashoka Institute of Varanasi, Vipin Maurya, Ashish Tripathi, Calligraph Kumar Nishad, Ashish Tripathi have created a traffic system helmet that allows the family and ambulance to send the location of the accident area in case of an accident. This will also save petrol from this helmet. This helmet has been named by students as Smart Traffic Helmet.

इस हेलमेट को पहने बिना मोटर साईकल स्टार्ट नहीं होगा इसके साथ हीं चौराहे पर सिग्नल रेड देखते हीं ये हेलमेट इंजन को ऑफ कर देता है जिसे पेट्रोल की बचत होती हीं और सिग्नल ग्रीन होने पर मोटर साईकल ऑटो मेटिक ऑन लॉक हो जाता है। हेलमेट चौराहे पर लगे ट्रैफिक लाइट को सेंस करता है सिग्नल रेड होने पर हेलमेट में लगा सर्किट रिले डिस कनेक्ट हो जाता है जिसे मोटरसाइकिल बंद हो जाता है और जैसे हीं सिग्नल ग्रीन होता है मोटरसाइकिल में लगा रिले कनेक्ट हो जाता है जिसे मोटरसाइकिल स्टार्ट हो जाती है।

अशोका इंस्टिट्यूट के छात्रों ने बताया हमारा पूरा सिस्टम रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर बेस पे काम करता है। इस डिवाइज में 2 ट्रांसमीटर और एक रिसिवर लगा है रिसिवर हमारी मोटरसाइकिल में लगा है और 1 ट्रांसमीटर हमारे हेलमेट में लगा है जो हेलमेट के पहनने पर एक्टिवेट होता है। जिससे गाड़ी में लगा रिसिवर ऑन होता और हेलमेट के पहनने पर हमारी मोटरसाइकिल स्टार्ट हो जाती है।

दूसरा ट्रांसमीटर चौराहे के रेड सिग्नल से में लगा होगा रेड सिग्नल में लगे ट्रांसमीटर के संपर्क में जैसे हीं हमारी मोटरसाइकिल आती है मोटरसाइकिल में लगे रिसिवर को रेड सिग्नल ट्रांसमीटर ऑफ़ यानी बंद कर देता है और जैसे ही सिग्नल ग्रीन होता है आप की गाड़ी स्टार्ट हो जाती है। रेड सिग्नल ट्रांसमीटर का रेंज अभी 50 मीटर है जिसे और बढ़ाया भी जा सकता है।

आइए जानते है इस डिवाइस से कैस होगा पेट्रोल का बचत-

छात्रों द्वारा बनाया गया ये डिवाइस किसी चौराहे पे रेड सिग्नल होने पे गाड़ी स्टार्ट रखने पर अगर 20ml पेट्रोल खर्च होता है तो 1 लाख गाड़ियों से 2000 लीटर पेट्रोल 1 मिनट में वेस्ट होता है। जिससे पेट्रोल खर्च के साथ हीं पॉल्यूसन भी होता है। हम प्रदेश के चौराहे पे रेड सिग्नल होने पे सिर्फ 1 एक मिनट के लियें गाड़ियों को बंद कर दे तो लगभग हम करोड़ों लीटर पेट्रोल सिर्फ मिनटों में हीं बचा सकतें है। अगर देश की हम बात करें तो ये आंकड़ा 1 दिन अरबों लीटर में हो सकता है, लेकीन जब इस टेक्नोलॉजी की मदद से ट्रैफिक सिग्नलों पे इंजन ऑटोमेटिक बंद हो जाए तो पेट्रोल की बचत के साथ हीं प्रदुषण भी कम होगा।

इस डिवाइस का प्रोटोटाईप मॉडल छात्रों ने महज 2 हफ़्तों में तैयार किया है। इस में लगे पार्ट्स के नाम : रेड़िओ फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर, रिसिवर, ट्रैफिक लाइट, हेलमेट, 9 वोल्ट बैटरी, स्विच, रिले 5, वोल्ट, छात्रों के नाम : विपिन कुमार मौर्या, इलेक्ट्रिकल प्रथम वर्ष, आशीष त्रिपाठी, मैकेनिकल प्रथम वर्ष, सुलेख कुमार निषाद, इलेक्ट्रिकल प्रथम वर्ष, अशोका इंस्टिट्यूट वाराणसी।

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