भगवान शिव को प्रदोष व्रत अत्यंत प्रिय है। ये ऐसा व्रत है, जो सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है। इस व्रत को करने से हर तरह के दुख, रोग, संताप, कष्ट आदि दूर होते हैं। हिंदू पंचांग में हर माह के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। दोनों पक्षों के प्रदोष व्रत का एक समान महत्व है।
फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी, मंगलवार को है। मंगलवार को प्रदोष होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से भगवान शिव के साथ हनुमान जी की कृपा भी प्राप्त होती है।
भौम प्रदोष व्रत तिथि- 9 फरवरी 2021
माघ मास कृष्ण त्रयोदशी आरंभ- 9 फरवरी प्रात: 03:19 बजे से.
कृष्ण त्रयोदशी समाप्त- 10 फरवरी प्रात: 02:05 बजे पर.
पूजन शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)- 9 फरवरी शाम 06:03 बजे से रात 08:40 बजे तक.
भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि:
ब्रह्म मूहूर्त में उठें, स्नान करें, स्वच्छ कपड़े पहनें,
पूजा स्थल व घर में गंगाजल छिड़कें,
सफेद रंग के वस्त्र पहन पूजन करें, भगवान शिव और मां पार्वती के समक्ष सफेद फूल, चंदन, बेलपत्र आदि अर्पित करें,
व्रत का संकल्प लें।
प्रदोष के दिन शाम के समय प्रदोष काल में शिव पूजा की जाती है, इसलिए शाम के समय स्नान करें।
शिवलिंग का अभिषेक करें, शिवलिंग पर धतूरा और भांग चढ़ाएं।
मौसमी फल अर्पित करें,
भगवान शिव और मां पार्वती का एक साथ पूजन करें। उन्हें धूप, दीप दें, भगवान शिवजी की चालीसा करें,
व्रत कथा पढ़ें, भगवान की आरती करें, भगवान शिव को भोग लगाएं।