सात प्रमुख अखबार के प्रतिनिधियों ने स्टेकहोल्डर्स के लिए लिखा पत्र, कहा- अब 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है सर्कुलेशन

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6फरवरी।

कोरोना महामारी के कारण सामान्य जीवन काफी प्रभावित हुआ। इसके साथ ही भारतीय अर्थव्यव्स्था भी डाउन हो गई थी। लेकिन धीरे-धीरे अब लोग सामान्य जीवन जीने लगे है और अब भारतीय अर्थव्यवस्था भी धीरे-धीरे सुधर रही है। कोरोना वैक्सीन आने की वजह से अब लोगों में इसका भय भी कम होने लगा है।
तमाम अन्य बिजनेस के साथ-साथ भारतीय भाषाई अखबारों में भी विकास देखने को मिला है। ऐसे में अब सात प्रमुख भाषाई अखबार अपने स्टेकहोल्डर्स के लिए एक कॉमन लेटर के जरिये एक साथ आगे आए हैं। उन्होंने इस लेटर में कहा गया है कि कोविड-19 से पहले की तुलना में सर्कुलेशन 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 80 प्रतिशत से ज्यादा एडवर्टाइजिंग रिकवरी हो चुकी है।

लेटर में कहा गया है, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी रिकवरी कर रही है। वैक्सीन अभियान गति पकड़ रहा है और जीएसटी कलेक्शन भी अच्छी ग्रोथ दिखा रहा है। देश के टियर-दो और टियर-तीन मार्केट इस ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अखबारों का सर्कुलेशन भी बढ़ रहा है और यह जितना कोविड-19 से पहले था, उसके 80-90 प्रतिशत लेवल तक पहुंच गया है, इसके साथ ही एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू भी कोविड-19 से पहले की तुलना में 80 प्रतिशत ग्रोथ प्राप्त कर चुका है।’

बता दें कि इस लेटर में ‘अमर उजाला’ के राजुल माहेश्वरी, ‘ईनाडु’ के आई वेंकट, ‘हिन्दुस्तान’ के राजीव बेओत्रा, ‘साक्षी’ के विनय माहेश्वरी, ‘दैनिक जागरण’ के शैलेष गुप्ता, ‘दैनिक भास्कर’ के गिरीश अग्रवाल और ‘मलयाला मनोरमा’ के जयंत मैमन मैथ्यू के भी हस्ताक्षर शामिल हैं।

इस रिकवरी के बारे में ‘दैनिक भास्कर ग्रुप’ के प्रमोटर डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल का कहना है, ‘टियर दो और टियर तीन शहरों की ग्रोथ की वजह से भारतीय भाषाई अखबार पूरे मार्केट की ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रहे हैं।  अब जब मार्केट्स सामान्य स्थिति में पहुंचे हैं और तेजी से खुल रहे हैं, अखबारों का सर्कुलेशन स्तर भी कोविड-19 से पहले की तुलना में लगभग 85-87 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसके अलावा समाचार पत्रों की विश्वसनीयता और भरोसा एक प्रमुख प्लस पॉइंट के रूप में उभरा है। खासकर फेक न्यूज के माहौल के बीच जिस तरह अखबारों ने अपनी विश्वसनीयत बनाए रखी है, ऐसे में अखबारों की संपादकीय शक्ति को मार्केट्स और पाठकों द्वारा सराहा जा रहा है।’

 

 

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