समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,30 जनवरी।
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान आंदोलन का 66वां दिन है। लेकिन यह आंदोलन दिन-प्रतिदिन औऱ भी बढ़ता जा रहा है। सिंघु बॉर्डर के साथ ही अब गाजीपुर भी इसका बड़ा केंद्र बन चुका है। यहां किसानों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखकर गृह मंत्रालय ने किसान के प्रदर्शन की स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए 31 जनवरी तक दिल्ली की सभी सीमाओं पर इंटरनेट की सेवाओं पर रोक लगा दी है। गृहमंत्रालय ने आदेश दिया है कि 31 जनवरी तक दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर के आसपास इंटरनेट पूरी तरह से बंद रहेगा। पश्चिमी उत्तरप्रदेश से भारी संख्या में गाजीपुर कूच करने के किसानों के फैसले के बाद अब एनएच 24 की दोनों सड़को को बंद कर दिया गया है।
बता दें कि राकेश टिकैत के भावुक भाषण के बाद अब गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन का नया केंद्र बनकर उभर गया है। आज भारी तादाद में पश्चिमी उत्तरप्रदेश से किसान गाजीपुर बॉर्डर की ओर कूच कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के लिए शुक्रवार का दिन बेहद निर्णायक साबित हुआ। एक तरफ जहां किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने वापस जाते हुए किसानों को पलटने पर मजबूर कर दिया। गाजीपुर धरना स्थल पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आने वाली किसानों की भीड़ में अचानक बढ़ोतरी हो गई।
बता दें कि किसान आंदोलन में विपक्ष राजनीतिक दलों चहलकदमी भी शुरू हो चुकी है। एक के बाद एक नेता किसानों से मिल रहे है। शुक्रवार को किसान आंदोलन स्थल गाजीपुर पर तीन बड़े नेताओं के आने के बाद यह बात साफ हो गई है। सुबह सबसे पहले राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी, आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और देर शाम कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू किसानों के बीच दिखाई दिए।