कैट का खुलासा: लगभग 2 महिने से चल रहे किसानों आंदोलन के कारण व्यापारियों को हुआ 50 हजार करोड़ का नुकसान

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 28 जनवरी।

पिछले 2 महीने से चले आ रहे किसान आंदोलन के कारण दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में व्यापारियों को लगभग 50 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कोरोना महामारी हुए नुकसान की भरपाई जैसे- तैसे शुरू हुई ही थी कि इसी बीच में किसानों के आंदोलन से हो रहा नुकसान व्यापारियों के लिए बेहद चिंताजनक है। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने यह खुलासा करते हुए जानकारी दी। कैट का कहना है कि सरकार का नया प्रस्ताव जिसमें डेढ़ साल के लिए कृषि कानूनों को स्थगित करने व किसान नेताओं के साथ एक संयुक्त समिति बनाने की बात कही गई है, काफी न्यायसंगत और उचित है। इसलिए अब किसानों को लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव को स्वीकार करना चाहिए और अपना आंदोलन वापस ले लेना चाहिए।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि यदि अब भी किसान सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि वे समाधान में रुचि नहीं रखते हैं और कुछ विभाजनकारी ताकतें समस्याएं बनाए रखने के लिए किसानों का इस्तेमाल कर रही हैं।

खंडेलवाल ने कहा कि कृषि कानून अकेले किसानों से नहीं जुड़े हैं. देश भर में लगभग 1.25 करोड़ व्यापारी मंडियों में काम कर रहे हैं. ये व्यापारी किसानों को न केवल फसल बेचने में सुविधा प्रदान करते हैं बल्कि उनकी जरूरत के समय में उनकी कई तरह से मदद भी करते हैं. ये व्यापारी 4 करोड़ से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं. कृषि कानून में सप्लाई चेन के इस महत्वपूर्ण घटक को ही हटाने के बारे में साफ कहा गया है. ऐसे में इन बड़ी संख्या में लोगों की आजीविका का क्या होगा? क्या वे एक ही झटके में अपनी आजीविका से बाहर हो जाएंगे? इन लोगों के हितों को भी संरक्षित करने की जरूरत है।

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