कौन है ये, जिन्होंने देश का झंडा झुका दिया??

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 Dr. Vijay Jolly
Dr. Vijay Jolly

*डॉ विजय जौली

भारत के 72वें गणतन्त्र दिवस पर
कौन है ये ?
जिन्होंने गणतंत्र दिवस पर
देश का झंडा झुका दिया ।
कौन है ये ?
जिन्होंने शांति पथ पर
लहू जवानों का बिखरा दिया ।
कौन है ये ?
गरीबो का वेश धर
आतंकी बन, जिन्होंने
किसानों का नाम
मिट्टी में मिला दिया ।
आज जब पूरा देश
देश प्रेम के गीत गाता है
कुछ लोगों ने देश के विरुद्ध
लगाकर  नारे
देशद्रोह क्यों दिखा दिया ।
कौन है ये ?
गुरु गोविंद के वंशज
तो नहीं हो सकते – जिन्होंने
देश भक्ति के दिन
देश को आतंक से दहला दिया ।
कैसे कहें कि
गुरु नानक के बंदे हैं
स्वर्ण मंदिर में
सिर  झुकाने वालों ने आज
देश का मस्तक  झुका दिया ।
दिल्ली के लाल किले को
फूलों की जगह लहू से सजा दीया ।
जिस पंजाब पर गर्व था
हमको सदा
देश के लिए जाने  देते जो सदा
क्या हुआ जो आज
देश के बारे में सोचे बिना
देश का झंडा गिरा दिया ।
देश के दिल दिल्ली को
इन्होंने आग, तलवार,
पत्थर और लाठियों से सजा दिया ।
कौन है ये ?
क्या ये  वे वीर है
जिन्होंने मुगलों से ,
अंग्रेजों से ली थी टक्कर ,
आज अपने ही देश की सरकार
प्रशासन, जनता को कुचल कर
अपना देशद्रोही रूप दिखा दिया ।
कौन है ये ?
कितनी बढ़ गई भूख इनकी
कितनी बड़ी ख्वाइशे है
कि ले तलवार हाथ में
अपनों का ही मस्तक  गिरा दिया ।
चन्द स्वार्थो और शर्तों की खातिर
गणतंत्र दिवस के दिन
अपने ही हाथों
अपने देश को,
अपनो ने ही जला दिया।

डॉ विजय जौली

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