समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 जनवरी।
हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत आता है। मान्यता है कि प्रदोष के समय महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में इस समय नृत्य करते हैं और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं. जो भी लोग अपना कल्याण चाहते हों यह व्रत रख सकते हैं. प्रदोष व्रत को करने से हर प्रकार का दोष मिट जाता है।
प्रदोष व्रत मुहूर्त
पौष, शुक्ल त्रयोदशी
प्रारंभ – 00:24, जनवरी 26
समाप्त – 01:11, जनवरी 27
पूजन विधि
प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद पूजा आरंभ करें। व्रत का संकल्प लेने के बाद भगवान शिव का जल अभिषेक करें। पंचामृत का पूजा में प्रयोग करें। धूप दिखाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं। इसके बाद व्रत का संकल्प लें. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव त्रयोदशी तिथि में शाम के समय कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं।