समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 जनवरी।
भारत और भारत की संसकृति का वर्णन दूर-दूर तक लोग करते है। यहां के भगवान की पूजा सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खुब की जाती है। हमारे हिन्दू धर्म में लोंग आज भी पत्थर को भगवान मानकर पूजा करते है यहां तक की मन्नते भी मानते है। ये सब है आस्था है, भगवान के लिए विश्वास है। कहते है जहां विश्वास हो भगवान वहीं होता है।
देश में ऐसे कई धार्मिक स्थान है जहां पर लोंगों का मानना है कि भगवान वास्तव में यहीं पर स्थित है। ऐसा ही एक जगह है ईटावा… इटावा शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर यमुना के किनारे बीहड़ में एक हनुमान मंदिर है जिसका नाम है पिलुआ वाले महावीर। यहां हनुमान जी लड्डू खाते हैं। यहां के पुजारी कहते हैं कि बाबा जो सुबह से खाना शुरू हुए तो रात ही बंद होते है। उनकी इस बात पर कुछ लोग हंसते हैं, मजाक बनाते है पर ताज्जुब आपको तब होगा जब आपको पता चले कि उन्हें लड्डू खाते हुए 500 से ज्यादा साल हो गए हैं। जो उनके मुखमंडल पर उफान है, ये दरअसल निरंतर चलता रहता है, हां लड्डू खिलाते ही ये तेज हो जाता है। हालांकि ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर प्रांगण में कई शोधकर्ता आये, मीडिया वालों ने घंटों कैमरे टिकाकर जानने का प्रयास किया कि आखिर ये लड्डू जाते कहां हैं ! पर ये सवाल अभी तक सवाल ही है और ऐसे अनसुलझे सवाल ही कभी-कभी उन शक्तियों की ओर इशारा करते हैं, जिन्हें विज्ञान भी नहीं समझ पाया।
