मेरठ: भैंस की तेरहवीं में जुटा पूरा गांव, आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना

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समग्र समाचार सेवा
मेरठ, 9जनवरी।
आज तक आपने इंसानो की तेरहवीं का त्योंता खाना होगा जानवरों का नहीं। लेकिन मेरठ में एक किसान ने भैंस की तेरहवीं आयोजित की जानवरों के प्रति अपने प्रेम की मिसाल पेश की है।
मेरठ में किसान सुभाष को उसकी भैंस काफी प्रिय थी। यह भैंस किसान के पास करीब 32 वर्ष से थी। बीते सात वर्ष से उसने दूध भी देना बंद कर दिया था। इसके बाद भी सुभाष ने उसे अपने पास रखा और उसकी खूब सेवा की। इसी बीच भैंस की तबीयत काफी खराब हो गई।

सुभाष ने उसके इलाज में भी काफी पैसा खर्च किया, लेकिन उसको बचा नहीं सके। भैंस की मृत्यु के बाद सुभाष ने तेरहवीं आयोजित की। यह तेरहवीं काफी चर्चा में है। इस तेरहवीं के मौके पर सुभाष ने पूरे गांव के लोगों को दावत दी। तेरहवीं में आने वाले सभी सभी ग्रामीणों ने वहां पर पूरे विधि-विधान से भैंस को श्रद्धांजलि दी। यह अनूठी तेरहवीं पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। सुभाष ने कहा कि वो अपनी भैंस को अपने परिवार के सदस्य की तरह ही मानते थे। उन्होंने अपनी भैंस के मरने के बाद उसकी आत्मा की शांति के लिए हर कर्मकांड किया।जिससे उनकी भैंस की आत्मा को शांति मिले।

मेरठ के मोहम्मद शाकिस्त गांव के किसान सुभाष ने पिछले 32 वर्ष से एक ही भैंस पाली हुई थी। सात वर्ष पहले इस भैंस ने दूध भी देना बंद कर दिया था। बचपन से ही सुभाष ने इस भैंस को पाला था, इसलिए उन्हें इससे काफी लगाव था। भैंस के दूध देना बंद करने के बाद भी सुभाष ने न तो उसकी उपेक्षा की और न ही उसको बेचने पर विचार किया। बीते एक महीने से भैंस की तबीयत खराब होने पर सुभाष ने उसके इलाज के लिए काफी धन भी खर्च किया।

इसी दौरान भैंस की मौत के बाद सुभाष के परिवार ने ढोल, नगाड़े के साथ उसे अंतिम विदाई दी। इसके बाद उसकी तेरहवीं के लिए बड़ा आयोजन किया गया। इसके लिए बकायदा टेंट, हलवाई लगाया गया और पूरे गांव को तेरहवीं का प्रसाद खिलाया गया। यहां पर भैंस के लिए एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने भैंस की फोटो पर फूल माला चढ़ाकर भैंस की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

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