समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8जनवरी।
शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का विशेष पर्व है. हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार महा शिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि में भगवान शिव लिङ्ग के रूप में प्रकट हुए थे। पहली बार शिव लिङ्ग की पूजा भगवान विष्णु और ब्रह्माजी द्वारा की गयी थी। इसीलिए महा शिवरात्रि को भगवान शिव के जन्मदिन के रूप में जाना जाता है और श्रद्धालु लोग शिवरात्रि के दिन शिव लिङ्ग की पूजा करते हैं।
मासिक शिवरात्रि मुहूर्त
प्रारम्भ -14:32, जनवरी 11
समाप्त – 12:22, जनवरी 12
इस दिन व्रत रखने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। इस व्रत में व्यक्ति को अपने अवगुणों का त्याग करना होता है। इस व्रत को करके देवी-देवताओं ने मनचाहा वरदान पाया है। भगवान शिव के पूजन के लिए उचित समय प्रदोष काल माना जाता है।
विधि-
– इस दिन सूर्योदय से पहले उठें. स्नान करें. भगवान शिव का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें.
– शिवलिंग पर जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि अर्पित करें. बाबा भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा आदि चढ़ाएं.
– ऊं नम: शिवाय मंत्र का लगातार जप करें.
– भगवान शिव के साथ माता पार्वती की आरती भी करें.
– भगवान को लगाए जाने वाले भोग में कुछ मीठा जरूर शामिल करें.