समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31दिसंबर।
पाकिस्तान में कानून व्यवस्था जैसी कोई चीज नहीं है तथा दूसरे धर्मों को लिए वहां कोई स्थान नहीं है..ऐसा ही कुछ हुआ पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में, यहां बुधवार के दिन एक उग्र भीड़ ने हिंदू मंदिर में पहले तो तोड़ फोड़ की फिर मंदिर में आग लगा दिया।
जानकारी के मुताबिक यह घटना करक जिले के टेर्री गांव की है। यहां मंदिर के निर्माण को विस्तार दिया जा रहा था और इसी कारण विरोध किया जा रहा था। जिसपर उग्र भीड़ ने मंदिर के पुराने हिस्से को ढहा दिया और आग लगा दिया। बता दें कि अबतक इस मामले में ना ही FIR दर्ज की गई है और न ही गिरफ्तारी की गई है। मंदिर ढहाने का वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है।
पाकिस्तान के मानवाधिकारों के संघीय संसदीय सचिव लालचंद मल्ही ने बताया कि कुछ असमाजिक तत्व जो पाकिस्तान में मौजूद हैं जो इस तरह की गतिविधियों से पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश करते हैं. लेकिन सरकार ऐसी किसी घटना को माफ नहीं करेगी, मल्ही ने जिला प्रशासन से इस मामले प्राथमिकी दर्ज करने और अपराधियों के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही. वहीं खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने कहा मंदिर गिराने की घटना दुर्भाग्य़पूर्ण है. उन्होंने इस बाबत पुलिस रिपोर्ट मांगी है और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
इस मामले पर पेशावर के हिंदू समुदाय के नेता हारून सरब दियाल का कहना है कि मंदिर में एक हिंदू धार्मिक नेता की समाधि बनाई गई है, जिसपर पूरे देश के हिंदू आकर पूजा करते हैं. यह हिंदू धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली घटना है और इसपर इस्लामिक विचारधारा परिषद को संज्ञान लेना चाहिए. प्रधानमंत्री इमरान खान पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करते हैं लेकिन यहां अल्पसंख्यकों के मंदिरो्ं को गिराया जा रहा है. अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में फिलहाल 75 लाख हिंदू रहते हैं लेकिन समुदाय की माने तो हिंदुओं की संख्या 90 लाख से ज्यादा है।