अलविदा 2020- साल 2020 में जनता की सेवा कर इन अफसरों ने खूब कमाए नाम

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30दिसंबर।
कोरोना महामारी के कारण साल 2020 भारत ही नहीं सारे दुनिया के लिए कष्टदाई साबित हुआ। कोरोना के कारण जहां एक तरफ सारा देश डर और भय के कारण अपने घरों में बन्द रहा वहीं देश के कई धुरंधरों ने घर से बाहर निकलकर गरीब और बेसहारा लोंगो के लिए आगे कदम बढ़ाया और उनके लिए मसीहा साबित हुए। जैसे-डॉक्टर, नर्स, पुलिस, डिलीवरी ब्याय….लेकिन इनमें में से भी कुछ लोंगो ने उससे भी ज्यादा देश के गरीब और बेसहारा लोंगो की सेवा की और जनता की सेवा कर बहुत से अफसर भी इस साल जमकर चर्चा में भी रहे हैं। किसी ने महामारी में लोगों के घर-घर राशन पहुंचाया तो किसी ने बच्चियों के लिए स्कूल खोले। आज हम आपको साल 2020 में सबसे ज्यादा चर्चा में रही कुछ महिला अफसरों से रुबरू करा रहे है जिन्होंने घर औऱ परिवार से बढ़कर समाज की सेवा की-

टीना डाबी

IAS अफसर टीना डाबी इस साल खूब चर्चा में रहीं। उन्होंने रणनीति और कड़े फैसले की बदौलत कोरोना जोन बने भीलवाड़ा ने वायरस के खिलाफ जंग जीती। एक समय ऐसा था कि राजस्थान में सर्वाधिक मरीज इसी जिले से थे। रोजाना मीटिंग, फीडबैक और प्लानिंग से प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति पर काबू पाया। इस दौरान इन्होंने 24 घंटे ड्यूटी करते हुए लॉकडाउन में घर-घर राशन भी पहुंचाया था।

 

डी रूपा
IPS अफसर डी रूपा कर्नाटक की तेजतर्रार आइपीएस अफसरों में से एक हैं। रूपा फील्ड का सत्ता में बैठे लोगों से सीधे टक्कर लेना भी सुर्खियों में रहा।

 

हर्षिका सिंह
2012 बैच की IAS अफसर हर्षिका सिंह साल 2020 में खूब चर्चा में रही। उन्होंने मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की कमान संभाली तो पूरे जिले का कायापलट कर दिया। हर्षिका की तैनाती जहां हुई थी वहां शिक्षा स्तर बहुत कम था। यहां लड़कियों की संख्या लड़कों से कम थी।आलम यह था कि यहां यदि बेटी पैदा होते ही उसे मार दिया जाता था। ऐसे में, हर्षिका ने कुछ अनूठा करने का फैसला किया और इसी के तहत उन्होंने ऑल-वुमेन स्कूल की शुरुआत की, जिसमें पढ़ाई छोड़ चुकी लड़कियों और अनपढ़ महिलाओं के लिए खास क्लास चलाई जाती है।
वह अब तक 35 स्कूल शुरू कर चुकी हैं , उनके इस कदम को ग्राम पंचायत से भी पूरी मदद मिली और उन्होंने कमरे उपलब्ध कराने से लेकर किताबों और अन्य संसाधनों की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। टीकमगढ़ के नतीजे से उत्साहित, हर्षिका मंडला जिला में भी इसे दोहराने की योजना बना रहीं हैं, जहाँ उनकी नई पोस्टिंग हुई है।

दुर्गा शक्ति नागपाल
साल 2013 में, आईपीएस दुर्गा ग्रेटर नोएडा के गौतम बुद्ध नगर में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थीं। इस दौरान, 2010 बैच की इस अधिकारी ने बड़े पैमाने पर रेत माफियाओं को उजागर किया था। अपनी कार्रवाई के दौरान आईपीएस दुर्गा ने 90 से अधिक भू-खनन माफियाओं को सलाखों के पीछे भेजा था और 2 हफ्ते के अंदर, 150 करोड़ रॉयल्टी की भी वसूली की। वह फिलहाल, केंद्रीय वाणिज्य विभाग में उप सचिव के रूप में तैनात हैं। आप उनकी पूरी कहानी यहाँ पढ़ सकते हैं।

दिव्या देवराजन
दिव्या देवराजन 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। 2017 में आदिवासी संघर्ष की घटनाएं सामने आ रही थी। इसी बीच दिव्या की पोस्टिंग तेलंगाना के आदिलाबाद में हुई और उन्होंने परिस्थितियों संभाल लिया। इससे उनकी चर्चा पूरे देश में होने लगी। यहां उन्होंने विरोधी जनजातियों के समस्याओं के समाधान को खोजने के लिए कानूनी और संवैधानिक साधनों का उपयोग किया। आदिवासी समुदायों की संस्कृति का सम्मान और संरक्षण करने के लिए, दिव्या ने आधिकारिक रूप से उनके मुख्य त्योहारों जैसे डंडारी-गुसाड़ी और नागोबा जात्रा का समर्थन करने और एक वृत्तचित्र के रूप में उनकी परंपराओं का दस्तावेजीकरण करने की भी कोशिश की।

आलम यह है कि यहाँ के लोगों ने दिव्या के सम्मान में अपने गांव का नाम “दिव्यगुड़ा” रखा दिया था। हालांकि आदिलाबाद से दिव्या का तबादला हो चुका है। फरवरी 2020 में दिव्या की नियुक्ति महिला, बाल, विकलांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सचिव और आयुक्त के रूप में हुई है।

गगनदीप गंभीर

गगनदीप सुशांत राजपूत मर्डर/सुसाइड केस की जांच में चर्चा में आई थीं। गगनदीप कई हाई-प्रोफाइल केस समेत कई बड़े घोटालों की जांच टीम का भी हिस्सा रही हैं।उन्होंने अवैध खनन मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कथित भूमिका की जांच को भी सुपरवाइज किया था। ज्वाइंट डायरेक्टर साईं मनोहर की अगुवाई वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम में गगनदीप के पास DIG का अतिरिक्त प्रभार भी था। वही टीम, जो विजय माल्या और अगस्ता वेस्टलैंड जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही थी। गगनदीप बिहार की 2004 बैच की IPS अधिकारी हैं। गगनदीप पंजाब यूनिवर्सिटी की टॉपर रह चुकी हैं। पश्चिमी राज्यों के कई जिलों में बतौर SSP सेवाएं दे चुकी हैं और डेढ़ साल पहले ही CBI में इनकी नियुक्ति हुई है।

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