वास्तु में है विश्वास तो जानें वास्तु के हिसाब से कैसा हो आपका घर

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आज के समाज में तमाम परेंशानियों से हर व्यक्ति जुझ रहा है। इसके लिए वो तमाम पूजा-पाठ भी करते है लेकिन कभी कभी इनका कोई असर नहीं होता है। लेकिन अगर आप वास्तु में विश्वास रखते है तो अपने घर को वास्तु के हिसाब से बनवाएं जिससे आपके घर में सूख और समृद्धि बनी रहेगी।
घर के वास्तु का असर घर में रहने वाले हर सदस्य पर पड़ता है. बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर हर सदस्य की सेहत और करियर भी कहीं न कहीं वास्तु पर ही निर्भर करता है. जानिए, घर के लिए कैसा हो वास्तु

1. घर से जुड़े वास्तु नियमों का ख्याल करते हुए घर का निर्माण करने से पहले भूमि पूजा अवश्य करवानी चाहिए. इसके बाद किस चीज का कहां पर निर्माण हो और किन चीजों से शुभ फल की प्राप्ति हो, उस पर कार्य किया जाना चाहिए.
2. कभी भी तिराहे या चौराहे पर, वीरान जगह पर मसलन शहर या गांव से बाहर, शोर-शराबे और अवैध गतिविधियों वाली जगह पर घर नहीं बनाना चाहिए. गली या सड़क जहां खत्म होती है, उसके अंतिम प्लॉट पर मकान नहीं बनाना चाहिए.
3. घर बनवाते समय पुरानी लकड़ी, ईंटों या शीशा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इस तरह के कबाड़ कभी भी अपने घर के किसी कोने में न रखें.
4. घर का मुख्य द्वार ईशान, उत्तर, वायव्य और पश्चिम दिशा में से किसी एक में रखना शुभ होता है. मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां नहीं होनी चाहिए और यदि संभव हो तो सीढ़ियों के आरंभ और अंत में द्वार बनवाना चाहिए.
5. घर में बनवाई जाने वाली सीढ़ियों के लिए दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा शुभ होती है. उत्तर-पूर्व या फिर कहें ईशान कोण में बनी सीढ़ियों का वास्तुदोष आर्थिक नुकसान, बीमारी और तमाम तरह की अड़चनें लाता है. सीढ़ियों को हमेशा क्लॉकवाइज बनवाना चाहिए.
6. घर के बीच का यानि ब्रह्म स्थान हमेशा खाली रखें.
7. घर के भीतर नकारात्मक ऊर्जा न प्रवेश कर सके, इसके लिए घर के मुख्य द्वार पर रोली से दाईं ओर ‘शुभ’ और बाईं ओर ‘लाभ’ लिखें. साथ ही दरवाजे के ऊपर रोली से ही ‘ॐ’ की आकृति बनाएं. इसके साथ ही स्वास्तिक भी बनाने से शुभता बढ़ जाती है. साथ ही घर के द्वार पर अशोक की पत्तियों से बनी वंदनवार लगाएं. ऐसा करने से घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में सब मंगल ही मंगल रहता है.
8. घर के प्रत्येक कोने में देवी-देवताओं के चित्र या मूर्ति रखने के बजाय ईशान, उत्तर या पूर्व दिशा में पूजा स्थल बनाकर पूजा करें.
9. घर की छत, बालकनी या सीढ़ी के नीचे कभी भी कबाड़ भर कर न रखें.
10. घर में गाड़ी रखने के लिए दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा सबसे शुभ होती है. इसी दिशा में ओवरहेड टैंक बनवाएं.

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