साल का सबसे छोटा दिन आज, जानें- यह क्यों है खास और इस बारे में सब कुछ

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21दिसंबर।
शीतकालीन संक्रांति एक प्राकृतिक घटना है जो पृथ्वी के प्रत्येक गोलार्ध में हर साल दो बार होती है। विंटर सोलस्टाइस साल का सबसे छोटा दिन होता है और इसकी रात सबसे लंबी होती है। इसे उत्तरी गोलार्ध में ‘सर्दियों का पहला दिन’ कहा जाता है। साल 2020 में, यह दिन 21 दिसंबर यानी आज का है।

‘संक्रांति’ एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है ‘रुका हुआ सूरज’। एक संक्रांति एक वर्ष में दो बार होती है – ग्रीष्मकालीन संक्रांति और शीतकालीन संक्रांति जहां समर सोलस्टाइस पृथ्वी पर सबसे लंबा दिन होता है, वहीं विंटर सोलस्टाइस ग्रह पर सबसे लंबी रात होती है।

शीतकालीन संक्रांति कब होती है?

आमतौर पर, उत्तरी गोलार्ध में शीतकालीन संक्रांति 19 से 23 दिसंबर के बीच होती है। इस साल, यह 21 दिसंबर को है। timesanddates.com के मुताबिक, भारत में, शीतकालीन संक्रांति का समय 3.32 (pm) बजे से शुरू होगा।

हालांकि विंटर सोलस्टाइस को ‘विंटर के पहले दिन’ के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसका अर्थ ‘अधिक धूप की वापसी’ भी होता है।

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार, ‘महान संधि’ लगभग 400 साल बाद सोमवार को सामने होगी। इसमें कहा गया है कि लोग सूर्यास्त के बाद विशेष प्रकार के उपकरणों के बिना देख सकेंगे।

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