किसान आंदोलन का समाधान निकलाने की जरूरत सरकार को है, उच्चतम न्यायालय को नहीं- ऑल इंडिया किसान सभा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19दिसंबर।
आज आंदोलन के 24वें दिन भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक कृषि विधेयक वापस नहीं होंगे तब तक वह आन्दोलन करते रहेंगे। किसानों के आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुका है। वहीं, इसे लेकर किसानों का कहना है कि हमारी समस्याओं का हल सरकार को करने की ज़रूरत है, न कि कोर्ट को।

जी हां ऑल इंडिया किसान सभा ने कहा कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का समाधान निकलाने की जरूरत सरकार को है, उच्चतम न्यायालय को नहीं. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान आंदोलन में शामिल करीब 40 किसान संगठनों में से एक किसान सभा ‘दिल्ली चलो’ अभियान का नेतृत्व कर रहा है और उसका कहना है कि पहले-पहल किसी किसान संगठन ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध नहीं किया।

संगठन के वरिष्ठ नेता पी. कृष्ण प्रसाद ने कहा कि समाधान निकालने की जरूरत सरकार को है, उच्चतम न्यायालय को नहीं। अदालती आदेश में भी यह स्पष्ट कहा गया है। हम इस समझ के कारण अदालत नहीं गए कि किसानों का यह संघर्ष सरकारी नीतियों के खिलाफ है और संकट का समाधान कार्यपालिका को करना है।
बता दें कि न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा था कि किसान आंदोलन को बिना किसी बाधा के जारी रहने देना चाहिए और अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी क्योंकि विरोध करने का अधिकार संविधान प्रदत मौलिक अधिकार है। न्यायालय दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शनों के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। समाधान के लिए केन्द्र और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को मिलाकर समिति गठित करने के न्यायालय की सलाह पर किसान सभा के महासचिव हन्नन मुल्ला ने कहा कि सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत में भी यह मुद्दा उठा था लेकिन पहले ही दिन इसे खारिज कर दिया गया था।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.