समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 दिसंबर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय भारती महोत्सव को संबोधित किया। तमिल कवि और लेखक सुब्रह्मण्य भारती की 138वीं जयंती के मौके पर वानाविल कल्चलर सेंटर में आयोजित महोत्सव को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने महाकवि को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाकवि को याद करते हुए कहा, ‘उनका मानना था कि विभाजित समाज सफलता पाने में सक्षम नहीं होगा। उन्होंने राजनीतिक आजादी के खालीपन के बारे में भी लिखा जो सामाजिक असमानता और अन्य बुराईयों की देखरेख नहीं कर सकता है।’ मुझे इस साल अंतर्राष्ट्रीय भारती महोत्सव पर भारती अवॉर्ड श्री सीनी विश्वनाथन जी को देने की अति प्रसन्नता है। उन्होंने अपना पूरा जीवन महाकवि भारती के कामों की रिसर्च में लगा दिया। उन्होंने 86 वर्ष की उम्र में भी अपना काम जारी रखा।’
उन्होनें कहा कि वे महिलाओं को सशक्त बनाना चाहते थे। उन्होंने लिखा था- महिलाओं को अपना सिर ऊंचा कर लोगों की आंखों में देखते हुए चलना चाहिए। हम उनके इस विजन से प्रभावित हैं और महिलाओं के सशक्तिकरण को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। अब महिलाएं हमारी सशस्त्र सेना का हिस्सा बन रही हैं। वे अपना सिर ऊंचा कर चलने में सक्षम हैं और हमें यह विश्वास दिला रहीं कि देश सुरक्षित हाथों में है।’
गौरतलब है कि तमिल भाषा के साहित्यकार महाकवि सुब्रह्मण्य भारती स्वतंत्रता आंदोलन में पूरी सक्रियता से शामिल रहे। उनकी रचनाओं से प्रेरित हो दक्षिण भारत से बड़ी संख्या में लोग इस आंदोलन में कूद पड़े।
हिंदी, बंगाली, संस्कृत, अंग्रेजी समेत अनेकों भाषाओं में महाकवि भारती की मजबूत पकड़ थी। इन भाषाओं में तमिल उनकी प्रिय भाषा थी। 11 दिसंबर 1882 को तमिल गाँव में जन्मे महाकवि ने 11 वर्ष की उम्र में ही कवि सम्मेलन में हिस्सा लिया और यहां उन्हें देवी सरस्वती खिताब से सम्मानित किया गया था। इसके बाद उन्होंने लेखन में भी प्रसिद्धि पाई।