1965 के युद्ध में शहीद जवान के दत्तक बेटे से सरकार ने मांगे 35 लाख, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने लगाई रोक

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समग्र समाचार सेवा
चंडीगढ़ , 5 दिसंबर

1965 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए शुगन चंद के गोद लिए बेटे को पिता की शहादत की एवज में दी गई 35 लाख रुपये की राशि को वापस लेने की प्रक्रिया पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इसके साथ ही पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

राजेश कुमार ने हाईकोर्ट को बताया कि उसे उमा वंती ने गोद लिया था, जो शहीद शुगन चंद की विधवा थीं। पंजाब सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए 2016 को नीति बनाई थी कि शहीद के आश्रितों को 10 एकड़ भूमि की एवज में सरकार एक निश्चित राशि मुहैया करवाएगी। इस नीति के तहत याची को पहले 20 लाख और फिर 15 लाख रुपये जारी किए गए। तीसरी किस्त के रूप में 15 लाख जारी करना अभी बाकी था। इसी बीच 25 सितंबर को एक पत्र लिखकर याची को 35 लाख रुपये वापस करने को कहा गया। सरकार ने पत्र में लिखा कि सरकार की नीति के तहत गोद लिए बच्चे को ग्रांट इन ऐड का लाभ नहीं दिया जा सकता है। ऐसे में उसे यह राशि लौटानी होगी।

इस आदेश को याची ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याची की दलील थी कि हिंदू अडॉप्शन एंड मैंटेनेंस एक्ट के अनुसार गोद लेने की तिथि से ही बच्चे के पास वह सभी अधिकार होते हैं जो सगे पुत्र के पास होते हैं। ऐसे में उससे इस प्रकार यह राशि वापस नहीं ली जा सकती है।

याची ने हाईकोर्ट से वसूली प्रक्रिया पर रोक लगाने और बची हुई राशि को ब्याज सहित उसे जारी करने के निर्देश जारी करने की अपील की है। याचिका पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही अगली सुनवाई तक याची से किसी भी प्रकार की वसूली करने पर रोक लगा दी है।

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