31 दिसंबर, 2020 तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा कर सकते है पेंशनर

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,24नवंबर।
देशभर में चल रहे कोरोना संकट को देखते हुए सरकार ने साल 2020 के लिए लाइफ सर्टिफिकेट को जमा करने की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है। इस साल पेंशनभोगी 1 नवंबर 2020 से लेकर 31 दिसंबर, 2020 तक अपना लाइफ सर्टिफिकेट जमा करा सकते हैं।
केंद्र सरकार ने बताया कि अगर आपने नवंबर में अपने लाइफ सर्टिफिकेट को जमा नहीं कराया तो आपकी पेंशन रुक सकती है।
बता दें लाइफ सर्टिफिकेट पेंशनर के जीवित होने का सबूत होता है। ऐसा नहीं करने पर पेंशन मिलना बंद हो सकती है, आइए आपको इस पेंशन सर्टिफिकेट के बारे में डिटेल में बताते हैं-

बता दें वरिष्ठ पेंशनरों के अलावा 80 साल या उससे ज्यादा आयु वर्ग के पेंशनर्स, 1 अक्टूबर, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक जीवन प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल ब्रांच में ज्यादा भीड़भाड़ और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करने के लिए सरकार ने पेंशन सर्टिफिकेट की समय सीमा को बढ़ा दिया है।

क्या होता है लाइफ सर्टिफिकेट?
लाइफ सर्टिफिकेट यानी जीवन प्रमाण पत्र पेंशनर के जीवित होने का सबूत होता है. इसके जमा नहीं किए जाने पर पेंशन मिलना बंद हो सकता है. केंद्र सरकार ने राहत देते हुए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की तारीख को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है.

कहां कराएं जमा?
लाइफ सर्टिफिकेट को पेंशनर अपने पेंशन अकाउंट वाली बैंक ब्रांच या किसी भी ब्रांच में जाकर फिजिकली/मैनुअली जमा कर सकते हैं. इसे डिजिटली किसी भी ब्रांच में, अपने PC/लैपटॉप/मोबाइल के जरिए https://jeevanpramaan.gov.in से, निकटतम आधार आउटलेट/CSC से, उमंग ऐप के जरिए जमा कर सकते हैं. डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) नंबर व अकाउंट नंबर की जरूरत होगी. फिजिकल फॉर्म में लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने के लिए इसे बैंकों की वेबसाइट से डाउनलोड कर भर के जमा किया जा सकता है.

जीवन प्रमाण सर्टिफिकेट सर्विस क्या है?
जीवन प्रमाण एक आधार बेस्ड डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट है. जीवन प्रमाण की मदद से पेंशनर्स को अब अपनी निकटतम बैंक ब्रांच, कॉमन सर्विस सेंटर यानी CSC या किसी भी सरकारी ऑफिस में जाकर लाइफ सर्टिफिकेट को आधार नंबर के जरिए बायोमैट्रिकली ऑथेंटिकेट करना होता है. साथ ही अपने पेंशन बैंक अकाउंट से जुड़ी कुछ अन्य पेंशन डिटेल्स भी देनी होती हैं. इसके बाद यह डिजिटली जमा हो जाता है. पेंशनर जिस बैंक ब्रांच से पेंशन लेता है, पहले अपने जीवित होने के सबूत के तौर पर उसे संबंधित ब्रांच में पेश होना पड़ता था.

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