
कुमार राकेश।
..अनिवार्य नियम हैं .जिसका शासन पूरे विश्व पर चलता है.मृत्यु किसी से नही डरता ,डराता सबको है.कोरोना का भय को ही देख लीजिये.भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री हो या किसी भी देश के,सब के सब भयभीत हैं ,उस मृत्यु के भय से ..
.मैं भी उनके से एक सौभाग्यशाली था,जिसे उन्हें कन्धा देने का पुण्य प्राप्त हुआ .शायद ये भी उनका आशीर्वाद ही था.जो मेरे को मिला ..मिलता रहा .आगे भी मिलता रहेगा .
उनके अलावा ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता राम लाल जी के साथ भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश जी नड्डा ,सांसद डॉ अनिल जैन, प्रभात प्रकाशन के प्रभात जी के साथ कई राजनेता नेता ,मीडियाकर्मी ,साहित्यकार, महिला नेताओं का एक विशाल समूह के स्वयं वहां पर मौजूद होकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की. सभी ग़मगीन थे .मौन थे ,चुप थे ,शांत थे ,उस चिरंतन यात्री की याद में ..उनको दैहिक तौर पर अंतिम विदाई के लिए ..पर उनकी चिरंतन यात्रा हेतु प्रस्थान के लिये…….परम स्नेही मृदुला जी ,जहाँ भी रहेंगी ,अपने स्वाभाव के अनुसार हंसती व मुस्कुराती रहेंगी व अपनी स्वर्णिम यादो से हम सबको गुदगुदाती रहेगी…
…नमन, उनको शत शत नमन …