समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20नवंबर।
क्या दिल्ली में कोरोना वायरस की तीसरी लहर अब कमजोर पड़ रही है? क्या पिछले कुछ दिनों से मामलों में आई गिरावट को मान लिया जाए कि एक बार फिर कोरोना के तीसरे लहर का पीक खत्म हो गया है? कुछ ऐसे सवालों के जबाव में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि हां कुछ ऐसा देखा जा रहा है. उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों एवं संक्रमित होने की दर में धीरे धीरे गिरावट से इस बात का स्पष्ट संकेत मिलता है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायरस का प्रसार कम हो रहा है।
मंत्री ने घोषणा की कि कोरोना वायरस संक्रमण के मरीजों के लिये दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में सामान्य एवं गैर आईसीयू बेड आरक्षित किये हैं और उन पर सरकार के शुल्क ही लागू होंगे. जैन ने बताया, ‘दिल्ली में सात नवंबर को संक्रमित होने की दर 15 फीसदी थी. अभी यह 11 प्रतिशत से भी कम है. 10 नवंबर को सबसे अधिक मामले (8,593) सामने आये थे।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘संक्रमित होने की दर में कमी आयी है और संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गयी है. इससे इस बात का स्पष्ट संकेत मिलता है कि दिल्ली में वायरस के संक्रमण का प्रसार कम हो रहा है.’ जैन ने कहा कि कार के भीतर मास्क पहनने से किसी प्रकार की हानि नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह मास्क के बगैर एक कदम भी घर के बाहर नहीं रखें।
राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 7,456 मामले सामने आये थे और संक्रमण दर 12.09 प्रतिशत थी. आप सरकार ने बृहस्पतिवार को कुछ अन्य घोषणा की जिसमें मास्क के बगैर बाहर निकलने पर दो हजार रुपये का जुर्माना, निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू बिस्तरों को आरक्षित करना, प्रत्येक जिलों में जांच केंद्र की संख्या दोगुनी करना और स्वास्थ्य केंद्रों में गैर गंभीर मामलों में सर्जरी को स्थगित करना शामिल है. निजी अस्पतालों को भी गैर आईसीयू बिस्तरों का प्रतिशत 50 फीसदी से बढ़ा कर 60 फीसद करने का निर्देश दिया गया है।