दीपों का त्योहार दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस साल दिवाली 14 नवंबर को है। सभी जानते है दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। दिवाली पर हर व्यक्ति माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि-विधान से पूजा करना चाहता है। इनकी पूजा में कोई कमी न रह जाए इसके लिए पहले से ही दीपावली पर पूजन सामग्री का इंतजाम कर लेंना चाहिए-
दिवाली पूजा की सामग्री-
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा, रोली, कुमुकम, अक्षत (चावल), पान, सुपारी, नारियल, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, अगरबत्तियां, मिट्टी, दीपक, रूई, कलावा, शहद, दही, गंगाजल, गुड़, धनिया, फल, फूल, जौ, गेहूं, दूर्वा, चंदन, सिंदूर, पंचामृत, दूध, मेवे, खील, बताशे, जनेऊ, श्वेस वस्त्र, इत्र, चौकी, कलश, कमल गट्टे की माला, शंख, आसन, थाली. चांदी का सिक्का, चंदन, बैठने के लिए आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते प्रसाद।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त-
14 नवंबर को 1 बजकर 16 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी और फिर अमावस्या लागू हो जाएगी। यही कारण है कि 14 नवंबर को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। शाम के 5 बजकर 40 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट का मुहूर्त सबसे ऊत्तम माना गया है। इस शुभ मुहूर्त के समय लक्ष्मी और गणेश पूजा की जा सकती है।