समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28अक्टूबर।
ट्विटर ने 18 अक्टूबर को लेह-लद्दाख की जियो टैग लोकेशन को जम्मू-कश्मीर, चीन में दिखाया। इस पर केंद्र सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद अब ट्विटर ने सरकार के समक्ष सफाई पेश की लेकिन अब इस मामले को देख रही समिति का कहना है कि ट्विटर की सफाई अपर्याप्त है। इस मामले को देख रहे पैनल की चीफ मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समिति अपनी राय में इस बात पर एकमत है कि लद्दाख को चीन के हिस्से के रूप में दर्शाने वाले ट्विटर पर स्पष्टीकरण अपर्याप्त था। ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने आज समिति को बताया कि ट्विटर इस मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता का सम्मान करता है लेकिन ये नाकाफी है. ये सिर्फ संवेदनशीलता का सवाल नहीं है। ये भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ है. लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाना एक आपराधिक कृत्य है, इस अपराध के लिए 7 साल तक कैद हो सकती है।
आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को साफ किया था कि लेह, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है और लद्दाख तथा जम्मू और कश्मीर भारत के अभिन्न हिस्से हैं, जो भारत के संविधान द्वारा शासित है। सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को स्पष्ट शब्दों में ये भी कहा है कि ट्विटर को भारत के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। ट्विटर द्वारा भारत की सम्प्रभुता और अखंडता- जो नक्शे द्वारा भी परिलक्षित होती है, के साथ किया गया अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा और ये कानून का भी उल्लंघन होगा।