समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12 अक्टूबर।
उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में संसद में पारित तीन कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर केंद्र सरकार को सोमवार को नोटिस जारी किया। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने तीन रिट याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। न्यायालय ने जवाब के लिए केंद्र को छह सप्ताह का समय दिया है। याचिका दायर करने वालों में द्रविड़ मुनेत्र कषगम सांसद तिरुचि शिवा, वकील मनोहर लाल शर्मा और छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के पदाधिकारी (राकेश वैष्णव एवं अन्य) शामिल हैं।
इस मामले में पहले मनोहर लाल शर्मा की याचिका पर विचार किया गया और मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से कहा कि इस याचिका में ‘कॉज ऑफ एक्शन’ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आपकी याचिका खारिज करना नहीं चाहता। आप याचिका वापस ले लीजिए और ‘कॉज ऑफ एक्शन’ लेकर आइए, फिर हम आपको मौका देंगे।”
छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस की ओर से पेश वकील के. परमेश्वर ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इन केंद्रीय कानूनों के कारण मंडी प्रणाली संबंधी छत्तीसगढ़ सरकर का कानून समाप्त हो गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें संबंधित उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी, लेकिन श्री परमेश्वर ने कहा कि एक ही मसले पर अलग अलग उच्च न्यायालय के भिन्न-भिन्न आदेशों से समस्या उत्पन्न हो सकती है।
इसके बाद न्यायमूर्ति बोबडे ने एटर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल से कहा कि केंद्र को चाहे शीर्ष अदालत में या उच्च न्यायालयों जवाब तो दाखिल करना ही पड़ेगा। इस पर श्री वेणुगोपाल ने कहा कि वह छह सप्ताह के भीतर शीर्ष अदालत में जवाब दाखिल कर देंगे।