समग्र समाचार सेवा
कोलंबो, 12 अक्टूबर।
चीन ने कर्ज जाल में फंसे श्रीलंका की गुहार पर उसे नौ करोड़ डॉलर की अनुदान राशि देने की घोषणा की है। यह राशि ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा उपकरणों, शिक्षा सहायता और जलापूर्ति व्यवस्था के लिए दी जाएगी। यह राशि श्रीलंकाई नागरिकों को कोविड बाद के हालात से मुकाबले के लिए दी जा रही है। हाल में श्रीलंका आए चीन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सहायता की अपील की थी।
बता दें कि इस सहायता के स्वरूप को लेकर असमंजस बनाए रखा गया है। इसे श्रीलंका को वापस भी करना पड़ सकता है। श्रीलंका आए प्रतिनिधिमंडल में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य और पूर्व विदेश मंत्री यांग जीएची भी शामिल थे। राष्ट्रपति राजपक्षे से चीनी प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात में कर्ज में फंसे चीनी निवेश वाली परियोजनाओं पर वार्ता हुई।
चीन की वन बेल्ट-वन रोड परियोजना (ओबीओआर) का श्रीलंका अहम भागीदार है। इस परियोजना के तहत चीन ने पिछले दशक में श्रीलंका में बंदरगाह, हवाई अड्डे, शहर, राजमार्ग और बिजलीघर बनाने के अरबों डॉलर के निवेश वाले कार्य शुरू किए हैं। इनमें कई परियोजनाएं ऐसी हैं जो आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक नहीं हैं। भविष्य में भी इनका इस्तेमाल होने की कोई संभावना नजर नहीं आती। इसके चलते श्रीलंका चीन के कर्ज में फंस गया है।