समग्र समाचार सेवा
मनाली, 2 अक्टूबर।
नौ किलोमीटर लंबी अटल टनल रोहतांग दस साल बाद तैयार कर दी गई है जो पीर पंजाल की पहाड़ियों में बनी है। इस टनल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को विधिवत देश की जनता को समर्पित कर लोकार्पण करेंगे।
बता दें कि नौ किलोमीटर लंबी अटल टनल के निर्माण से लेह लद्दाख में सरहद तक पहुंचने के लिए 46 किलोमीटर की कम दूरी तय करनी पड़ेगी।
रोहतांग दर्रे पर सुरंग के निर्माण की घोषणा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 जून 2000 को जनजातीय जिला लाहुल स्पीति के केलंग में की थी। साथ ही जून 2000 में अटल टनल के साउथ पोर्टल तक बनने वाली सड़क की आधारशिला भी रखी थी। जून 2010 में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोलंगनाला के धुंधी में टनल की आधारशिला रखी थी और अब तीन अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका लोकार्पण करेंगे।
1500 करोड़ से 3200 करोड़ पहुंची लागत
टनल के निर्माण की लागत 1500 करोड़ रुपये थी। लेकिन यह प्रोजेक्ट करीब 3200 करोड़ में तैयार हुआ है। अटल के हिमाचल प्यार को देखते हुए प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र ने इस सुरंग का नाम अटल टनल रखा।
इस टनल का निर्माण कार्य वर्ष 2010 में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के मार्गदर्शन में स्ट्रॉबेग एफकॉन कंपनी ने शुरू किया था। सर्दियों के दौरान माइनस 23 डिग्री सेल्सियस तापमान में कंपनी व बीआरओ के इंजीनियर व मजदूरों ने इसके निर्माण को पूरा किया है।
अटल टनल के बाहर आकर्षक द्वार
अटल टनल के दोनों ओर आकर्षण द्वार बनाए गए हैं। मनाली की ओर कुल्लवी शैली में जबकि लाहुल की ओर बौद्ध शैली में द्वार बनाए गए हैं। अटल टनल के साथ यह प्रवेश द्वार भी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
अटल टनल के निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2015 रखा गया था। लेकिन टनल के भीतर सेरीनाला के पास पानी का रिसाव शुरू हो गया और यह टनल निर्माण में बड़ी बाधा बन गया। बीआरओ और कंपनी के प्रयासों से सेरी नाले की समस्या दूर हुई और अक्टूबर 2017 में टनल के दोनों छोर जुड़ गए।
विकट परिस्थितियों को पार कर दस फीट की ऊंचाई पर बनने वाली दुनिया की पहली टनल बनकर तैयार हुई है। अटल टनल ने इंजीनियरों को सिखाया भी है। अटल टनल से मिला अनुभव मनाली-लेह नेशनल हाईवे पर बनने वाली अन्य चार महत्वपूर्ण सुरंग के निर्माण में काम आएगा। रोहतांग के बाद ऊंचाई वाले शिंकुला और बारालाचा जैसी चोटियों में टनल निर्माण प्रस्तावित है।
अटल टनल रोहतांग से जुड़ी जानकारी
- 28 जून, 2010 को रोहतांग टनल का शिलान्यास।
9.02 किलोमीटर लंबी अटल टनल के दोनों छोर अक्टूबर 2017 में जुड़े
25 दिसंबर 2019 को सुरंग का नाम अटल टनल रोहतांग तय किया गया।
इस टनल में 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से वाहन दौड़ सकेंगे।
हर दिन तीन हजार वाहन गुजर सकेंगे टनल से
तीन अक्टूबर 2020 में राष्ट्र को समर्पित होगी।
प्रत्येक 500 मीटर की दूरी पर इमरजेंसी एग्जिट होंगे।
मनाली से लेह के बीच कम होगी 46 किमी की दूरी
ढाई घंटे का समय और ईंधन का होगा बचाव
एक किलोमीटर के बाद लगेगा ट्रैफिक इन्टेन्सिटी डिटेक्शन सिस्टम
2 किलोमीटर के बाद होगी वाहन मोड़ने और यू-टर्न लेने की सुविधा
लाहुल व पांगी घाटी सालभर जुड़ेंगी मनाली से
एवलांच से बचने के लिए चिह्नित स्थानों पर स्नो गैलरी का निर्माण।