समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर।
ज्यादात्तर लोग घर के किसी भी समान को किसी भी दिशा में रखते है, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर किसी कार्य को किया जाय तो ज्यादा सुखदायी होता है। घर के तमाम परेशानियों का निवारण होता है तो आइए जानते है किस दिशा में रख सकते है घर का पानी-
वास्तु शास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण का विस्तार 112.5 अंशों से 157.5 अंशों तक होता है। आग्नेय दिशा के स्वामी अग्निदेव हैं। इस दिशा का आधिपत्य शुक्र ग्रह के पास है। इस दिशा में पूर्व और दक्षिण का समावेश रहता है। इस दिशा में सूर्य की किरणें सर्वाधिक पड़ती हैं जिससे यह दिशा अन्य दिशाओं से गर्म रहती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा अग्नि से संबंधित कार्यों के लिए है। अग्नि दिशा में रसाईघर, बिजली के उपकरण, इन्वर्टर, गर्म पानी करने की भट्टी एवं बॉयलर रखना श्रेष्ठ रहता है।
शुक्र का प्रतिनिधि होने के कारण यह दिशा महिलाओं के स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। इस दिशा में ड्रेसिंग रूम और सौंदर्य प्रसाधन कक्ष बनाना भी शुभ रहता है। बार के लिए भी शुभ स्थान आग्नेय कोण होता है। यह दिशा रसोईघर के लिए अधिक उपयुक्त है। क्योंकि अग्निक्षेत्र में अग्नि के पदार्थ लाभकारी होते हैं। आग्नेय कोण में कभी भी जल ना रखें। बोरिंग, नल, हैंडपंप और पानी की टंकी यहां अच्छी नहीं होती। ऐसा होने पर यह गृह स्वामी को कर्ज में डुबो देती है। रसोईघर के उत्तर पूर्व में पीने का पानी का स्थान और आरओ लगाया जा सकता है।