जानें परमा एकादशी व्रत और पूजा विधि!

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर।

परमा एकादशी व्रत हमेशा अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है।
परमा एकादशी के दिन व्रत करने के साथ विद्या दान अन्न दान भूमि दान और गोदान करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए।
हिन्दी पंचांग के अनुसार, इस वर्ष परमा एकादशी 13 अक्टूबर दिन मंगलवार को है। परमा एकादशी व्रत हमेशा अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। परमा एकादशी के दिन व्रत और पूजा से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है, साथ ही सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

परमा एकादशी व्रत मुहूर्त

अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर दिन सोमवार को शाम 04 बजकर 38 मिनट पर हो रहा है, जो 13 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक है। एकादशी में उदयातिथि मान्य होती है, ऐसे में आप 13 अक्टूबर को परमा एकादशी का व्रत रखें।

परमा एकादशी पारण समय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद और द्वादशी ति​थि के समापन से पूर्व कर लेना चाहिए। द्वादशी ति​थि का समापन 14 अक्टूबर को दिन में 11 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है। परमा एकादशी व्रत के पारण का समय 14 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 21 मिनट से सुबह 08 बजकर 40 मिनट तक है।
परमा एकादशी के दिन व्रत करने के साथ विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गोदान करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए।

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