नई दिल्ली, 27 सितंबर 2020। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से खुद को अलग कर लिया है। कृषि बिल के विरोध में पहले ही अकाली नेता हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया था। कृषि बिल को लेकर देशभर में किसानों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।
शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीएस से बाहर निकलने का फैसला किया। क्योंकि केंद्र की एमएसपी पर फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से इनकार करने और पंजाबी के मुद्दों पर इसकी निरंतर संवेदनशीलता के कारण हम अलग हो रहे हैं। अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से 22 साल पुराना नाता तोड़ दिया है।
मोदी सरकार की ओर से लाए गए कृषि बिल को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी है। किसानों के साथ विपक्ष भी आंदोलन में समर्थन दे रहा है। वहीं अब भारतीय जनता पार्टी के 22 साल पुराने गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने एक बड़ा झटका दिया है। कृषि बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से 22 साल पुराना नाता तोड़ दिया।
अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल की सर्वोच्च समिति की आपातकालीन बैठक में सर्वसम्मति से भाजपा-एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एनडीए छोड़ने का फैसला केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर किसानों की फसलों के सुनिश्चित विपणन की रक्षा के लिए वैधानिक विधायी गारंटी देने से इनकार करने पर लिया गया है।
साथ ही पंजाबी भाषा को छोड़कर पंजाबी और सिक्किम के मुद्दों के प्रति इसकी असंवेदनशीलता के कारण हम अलग हो रहे हैं। वहीं हाल ही में जम्मू और कश्मीर में आधिकारिक भाषा की घोषणा की गई है। इसके साथ, शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के बाद समूह से बाहर निकलने वाला तीसरा प्रमुख राजग सदस्य अकाली दल बन गया है।