“मन चंगा तो कठोती में गंगा”, संत रविदास ने क्यों कही ये उक्ति और क्या है इसका वास्तविक मतलब
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली , 16 फरवरी। संत के बारे में शास्त्रों में कहा गया है कि जो अपने लिए किसी भी प्रकार की सांसरिक इच्छा न रखे और परोपकार में अपना समय लगाए वह संत है। संत रविदास जी भी एक ऐसे ही व्यक्तित्व थे। इनके लिए इनका कर्म और…
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