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पहचानिए

पहचानिए कौन है यह शख्स?

त्रिदीब रमण  ’न जाने कितनी आंखों में नश्तर सा चुभता है तू सज़रे-बहारा में क्या ईंट-पत्थर सा रहता है तू’ कहते हैं नाम में क्या रखा है, आज हम जिस शख्स की कहानी यहां बयां करने वाले हैं, एक समृद्ध विरासत की दावेदारी के बावजूद भगवा…
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