समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 16नवंबर। हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इस दिन पवित्र नदी में स्नान किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद दान-पुण्य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान और तुलसी पूजा भी की जाती है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को है और इस दिन तुलसी और मां लक्ष्मी का पूजन कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
इस दिन क्यों मनाई जाती है देव दीपावली
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार त्रिपुरासुर राक्षक ने अपने आतंक से पूरी धरती और स्वर्ग लोक में सभी को परेशान कर दिया था। देवता और ऋषि मुनि भी उसके आतंक से त्रस्त थे और उससे परेशान होकर सभी देवगण उस राक्षस का अंत करने के लिए भगवान शिव से सहायता मांगने गए. भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षक का वध कर दिया, जिससे देवलोक में सभी देवता प्रसन्न हो गए और भोलेनाथ की नगरी काशी में पहुंचे। खुशी में सभी देवों ने काशी नगरी में दीपक जलाकर खुशियां मनाई. तभी से कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक मास में आने वाली कार्तिक पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा जी या अन्य पवित्र नदी में स्नान कर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन दीपदान भी किया जाता है और तुलसी पूजा करने की भी परंपरा है।