संसद में दूसरे दिन भी एसआईआर पर बवाल, लोकसभा 12 बजे तक स्थगित

संचार साथी ऐप से लेकर SIR प्रक्रिया तक—विपक्ष ने सरकार को घेरा, वहीं सरकार 14 अहम बिलों पर चर्चा के लिए तैयार

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  • SIR मुद्दे पर विपक्ष ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया
  • लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित, राज्यसभा में भी शोर-शराबा
  • उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने पहली बार राज्यसभा सभापति के रूप में कार्यभार संभाला
  • सरकार का लक्ष्य दिवाला, बीमा, जीएसटी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े 14 विधेयक पास कराना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 02 दिसंबर: संसद के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन आज राजनीतिक टकराव और भारी हंगामे से भरा रहा। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की कार्यवाही की शुरुआत विपक्ष की जोरदार नारेबाजी के साथ हुई। विपक्ष SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर सरकार पर हमला कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि SIR के नाम पर वोटर लिस्ट से वैध मतदाताओं—खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों और अल्पसंख्यक समुदायों, के नाम हटाए जा रहे हैं।

इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी सांसदों ने सदन के भीतर जमकर विरोध किया और नारेबाजी की, जिसके चलते लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में भी माहौल तनावपूर्ण रहा।

राज्यसभा में नया नेतृत्व, हंगामा जारी

राज्यसभा का आज का दिन खास इसलिए भी था क्योंकि उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने राज्यसभा के सभापति के रूप में अपना पहला कार्यदिवस संभाला। सदन शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि राधाकृष्णन का अनुभव और नेतृत्व सदन को नई दिशा देगा।

लेकिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने SIR के मुद्दे पर सरकार को घेरने में कोई समय नहीं गंवाया और नारेबाजी तेज हो गई। हंगामे के बीच सभापति ने सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की।

संचार साथी ऐप पर भी विपक्ष का हमला

SIR के अलावा विपक्ष ने हाल ही में जारी निर्देश, जिसमें सभी नए मोबाइल फोनों में संचार साथी ऐप को अनिवार्य करने की बात कही गई पर भी सवाल उठाए। विपक्ष का आरोप है कि यह ‘सर्विलांस टूल’ बन सकता है, जबकि सरकार ने इसे साइबर-सुरक्षा और मोबाइल चोरी रोकने के लिए जरूरी कदम बताया है।

सरकार का फोकस—14 अहम विधेयक

इस हंगामे के बीच सरकार की कोशिश है कि सत्र के दौरान 14 बड़े विधेयकों पर चर्चा हो और उन्हें पारित कराया जा सके। ये बिल दिवाला कानून, बीमा अधिनियम, सिक्योरिटीज मार्केट, कॉर्पोरेट कानून, राष्ट्रीय राजमार्ग, उच्च शिक्षा आयोग, एटॉमिक एनर्जी संशोधन, जीएसटी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सेस बिलों से संबंधित हैं।

सत्र में कुल 15 बैठकें निर्धारित हैं और सरकार चाहती है कि हंगामे के बावजूद विधायी कामकाज प्रभावित न हो। हालांकि आज के घटनाक्रम को देखते हुए आने वाले दिनों में टकराव और बढ़ सकता है।

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