सिवनी हवाला लूटकांड: SDOP समेत 11 पुलिसकर्मियों पर FIR, SP से माँगा गया जवाब

सीएम मोहन यादव के निर्देश पर डकैती और अपहरण की धाराओं में मामला दर्ज; 5 पुलिसकर्मी गिरफ्तार

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  • मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में हवाला कारोबार की रकम लूटने के आरोप में SDOP पूजा पांडे सहित 11 पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज।
  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देश पर डकैती (BNS 310(2)) और अपहरण (BNS 140(3)) जैसी गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई।
  • इस मामले में SDOP पूजा पांडे समेत 5 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया है; पुलिस अधीक्षक (SP) से जवाब मांगा गया है।

समग्र समाचार सेवा
सिवनी (मध्य प्रदेश), 15 अक्टूबर: मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में पुलिस विभाग से जुड़ा एक बेहद शर्मनाक मामला सामने आया है। यहां पुलिसकर्मियों पर ही हवाला कारोबारियों से करोड़ों रुपये लूटने का सनसनीखेज आरोप लगा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कड़े रुख के बाद, सिवनी की उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (SDOP) पूजा पांडे समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है। इस कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।

यह मामला नेशनल हाईवे 44 पर हुई एक घटना से जुड़ा है, जहाँ कथित तौर पर पुलिसकर्मियों ने हवाला की रकम जब्त की, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में पूरी रकम नहीं दिखाई गई। जानकारी के अनुसार, पुलिस ने नागपुर के एक व्यापारी सोहन परमार से लगभग तीन करोड़ रुपये बरामद किए थे, लेकिन सरकारी कागज़ों में यह जब्ती केवल एक करोड़ 45 लाख रुपये की दिखाई गई। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने शेष रकम, जो लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है, आपस में बांट ली और हवाला कारोबारी को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया।

मुख्यमंत्री का सख्त एक्शन: डकैती का केस दर्ज

इस गंभीर अनियमितता के सामने आने के बाद, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तुरंत सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का प्राथमिक दायित्व है और अपने कर्तव्यों से भटकने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर, पुलिसकर्मियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। इन धाराओं में मुख्य रूप से शामिल हैं:

धारा 310(2): डकैती

धारा 140(3): अपहरण

धारा 126(2): गलत तरीके से रोकना

धारा 61(2): आपराधिक षड्यंत्र

इन गंभीर आरोपों के तहत SDOP पूजा पांडे, एसआई अर्पित भैरम और तीन अन्य कांस्टेबलों (योगेंद्र, नीरज और जगदीश) सहित पांच आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य छह आरोपी पुलिसकर्मियों, जिनमें हेड कांस्टेबल और आरक्षक शामिल हैं, पर भी FIR दर्ज की गई है।

वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज: SP से मांगा स्पष्टीकरण

इस पूरे मामले से पुलिस विभाग की छवि को गहरा नुकसान पहुँचा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। आईजी जबलपुर ज़ोन ने भी मामले को जाँच का विषय बताया और स्वीकार किया कि इस घटना ने पुलिस की छवि को धूमिल किया है।

मामले में बड़ी प्रशासनिक विफलता को देखते हुए, आईजी स्तर के अधिकारियों द्वारा सिवनी के पुलिस अधीक्षक (SP) से भी इस पूरे घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण माँगा गया है। यह संकेत देता है कि इस लापरवाही और आपराधिक गतिविधि की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेतृत्व पर भी तय की जाएगी। जाँच के लिए आईपीएस अधिकारी जितेंद्र सिंह को जबलपुर भेजा गया है, जो इस पूरे मामले की गहन और बारीकी से जाँच कर रहे हैं।

निष्कर्ष: सुशासन पर प्रतिबद्धता

सिवनी हवाला लूटकांड मध्य प्रदेश सरकार के सुशासन और शून्य-सहनशीलता (Zero-Tolerance) की नीति की परीक्षा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि कानून सबके लिए बराबर है और जनता की सुरक्षा के लिए नियुक्त किए गए व्यक्तियों द्वारा ही कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इन गिरफ्तारियों और सख्त धाराओं में FIR ने यह संदेश दिया है कि सत्ता या पद का दुरुपयोग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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