पाकिस्तानी जासूस बने ‘पत्रकारों’ को बेचता था गोपनीय जानकारी: CRPF ASI मोती राम गिरफ्तार

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समग्र समाचार  सेवा                                                                                                                                                                                                                                नई दिल्ली, 30 मई :देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका देते हुए, सीआरपीएफ के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) मोती राम जाट को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करने वाले एजेंटों को संवेदनशील जानकारियां लीक करने का आरोप है।

NIA की जाँच  के अनुसार, पाकिस्तान के दो एजेंटों ने खुद को एक प्रमुख भारतीय टीवी चैनल के पत्रकार बताकर जाट से संपर्क किया। पहले एक महिला ने चंडीगढ़ स्थित पत्रकार के रूप में दोस्ती की, फिर वीडियो कॉल और संदेशों के जरिये जानकारी माँगने  लगी। कुछ महीनों बाद एक पुरुष एजेंट ने संवाद संभाला और गोपनीय दस्तावेज माँगने  लगा।

जाट ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जम्मू-कश्मीर यात्रा, CRPF की तैनाती, आतंकियों के संभावित ठिकाने और पहलगाम में 50 पर्यटन स्थलों के बंद होने जैसी बेहद संवेदनशील जानकारियां  साझा कीं। बदले में उसे हर महीने ₹3,500 और महत्वपूर्ण सूचना के लिए ₹12,000 अतिरिक्त मिलते थे।

मोती राम जाट को अप्रैल 22 के पहलगाम आतंकी हमले से ठीक 5 दिन पहले दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था। यह संयोग अब जांच के घेरे में है।

गिरफ्तारी से पहले केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारियों ने भी जाट से पूछताछ की थी। अब NIA इस मामले को विस्तार से खंगाल रही है।

यह मामला न केवल सुरक्षा तंत्र की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि यह चेतावनी भी है कि कैसे दुश्मन पत्रकार की आड़ में जासूसी का नेटवर्क फैला रहे हैं।

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