हार्वर्ड पर ट्रंप सरकार की कार्रवाई: विदेशी छात्रों के नामांकन पर लगी रोक, यूनिवर्सिटी ने बताया ‘गैरकानूनी’
समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन , 23 मई : अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की नीतियों ने उच्च शिक्षा जगत में भूचाल ला दिया है। ट्रंप प्रशासन द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय छात्रों को नामांकित करने की क्षमता को रद्द किए जाने के फैसले ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। हार्वर्ड ने इस कदम को ‘गैरकानूनी और प्रतिशोधात्मक’ करार दिया है।
हार्वर्ड के प्रवक्ता जैसन न्यूटन ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, “हम हार्वर्ड में अंतरराष्ट्रीय छात्रों और विद्वानों की उपस्थिति बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह कार्रवाई न केवल हमारी अकादमिक और शोध मिशन को कमजोर करती है, बल्कि हमारे समुदाय और देश को भी नुकसान पहुंचाती है।”
2024-2025 शैक्षणिक वर्ष में हार्वर्ड में 6,000 से अधिक अंतरराष्ट्रीय छात्र नामांकित थे, जो कुल छात्र संख्या का लगभग 27.3 प्रतिशत हैं। यूनिवर्सिटी का कहना है कि ये छात्र हार्वर्ड की विविधता और वैश्विक दृष्टिकोण को समृद्ध करते हैं। साथ ही, उनके द्वारा दी जाने वाली फीस हार्वर्ड की आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि वे अमरीकी छात्रों की तुलना में अधिक शुल्क अदा करते हैं।
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में हार्वर्ड पर $2.2 बिलियन की संघीय फंडिंग रोक दी थी। व्हाइट हाउस ने यूनिवर्सिटी पर हिंसा और यहूदी विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ाव रखने का आरोप लगाया है। अब एक और बड़ा कदम उठाते हुए, अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने हार्वर्ड की “स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विज़िटर प्रोग्राम” (SEVP) सर्टिफिकेशन को रद्द कर दिया है, जिससे यूनिवर्सिटी विदेशी छात्रों को दाखिला नहीं दे सकेगी।
गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा, “यह एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं, कि यूनिवर्सिटियां विदेशी छात्रों से मोटी फीस वसूलें और अपने अरबों डॉलर के एंडॉवमेंट्स को और बढ़ाएं। हार्वर्ड के पास सही कदम उठाने के कई मौके थे, लेकिन उसने इनकार कर दिया।”
ट्रंप प्रशासन की छह शर्तें
हालांकि ट्रंप सरकार ने हार्वर्ड के सामने छह शर्तें रखी हैं, जिनका पालन करने पर वह दोबारा अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन शुरू कर सकती है:
- पिछले पांच वर्षों में नामांकित किसी भी विदेशी छात्र की गैरकानूनी या खतरनाक गतिविधियों से जुड़े सभी रिकॉर्ड्स (वीडियो, ऑडियो, इलेक्ट्रॉनिक डेटा) जमा कराना।
- अन्य छात्रों या स्टाफ को धमकी देने या अधिकारों के हनन से संबंधित सभी औपचारिक और अनौपचारिक दस्तावेज जमा करना।
- सभी विदेशी छात्रों के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड्स और विरोध प्रदर्शन से जुड़े फुटेज उपलब्ध कराना।
इस विवाद से अमेरिका की शिक्षा व्यवस्था में एक बार फिर विदेशी छात्रों की भूमिका और यूनिवर्सिटी स्वायत्तता पर बहस तेज हो गई है। हार्वर्ड का कहना है कि वह इस फैसले के खिलाफ कानूनी रास्ता अपनाने पर भी विचार कर रही है।