प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर दी शुभकामनाएँ
पीएम मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सैनिकों, वीर नारियों और शहीद परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की; 7 दिसंबर 1949 से देशभर में मनाया जा रहा है झंडा दिवस
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पीएम मोदी ने कहा—सैनिकों का साहस व अनुशासन राष्ट्र की ताकत है।
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सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर जनता से AFFD फंड में योगदान करने की अपील।
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैनिकों के अदम्य साहस व त्याग को नमन किया।
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झंडा दिवस युद्ध-दिव्यांग, वीर नारियों और शहीद परिवारों के कल्याण के संकल्प को दर्शाता है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 दिसंबर: देशभर में 7 दिसंबर को मनाए जाने वाले सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सशस्त्र बलों के जवानों, अधिकारियों और उनके परिवारों को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने सैनिकों को राष्ट्र का वास्तविक रक्षक बताते हुए कहा कि उनके साहस, अनुशासन और अटूट समर्पण से देश की सीमाएँ सुरक्षित रहती हैं और जनता निश्चिंत होकर जीवन जी पाती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस उन वीर पुरुषों और महिलाओं को सम्मान देने का अवसर है, जो सीमा पर तैनात होकर हर परिस्थिति में देश की रक्षा करते हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष (AFFD फंड) में योगदान दें, ताकि युद्ध-दिव्यांगों, वीर नारियों और शहीद परिवारों के कल्याण में सहायता मिल सके। अपने संदेश में उन्होंने “कर्तव्य, अनुशासन और राष्ट्र-सेवा” को भारतीय सैनिक की पहचान बताया।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस 7 दिसंबर 1949 से प्रत्येक वर्ष मनाया जा रहा है। इस दिन का उद्देश्य उन सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करना है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित किया या सेवा के दौरान घायल हुए। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, झंडा दिवस भारत की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें देश अपने सैनिकों, युद्ध-दिव्यांगों, वीर नारियों और शहीद परिवारों की देखभाल को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस अवसर पर सैनिकों के साहस और बलिदान को नमन किया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों का त्याग देश पर ऐसा ऋण है, जिसे कभी पूरी तरह चुकाया नहीं जा सकता। उन्होंने जनता से सशस्त्र बल झंडा दिवस कोष फंड में उदारतापूर्वक योगदान करने की अपील करते हुए कहा कि यह सहयोग उन परिवारों तक पहुँचेगा जो राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दे चुके हैं।
रक्षा मंत्रालय ने अपने पिछले वक्तव्य में कहा था कि सैनिक किसी भी देश की सबसे बड़ी संपत्ति होते हैं। वे राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपने परिवार, सुख-सुविधाओं और निजी जीवन का त्याग कर देते हैं। यही कारण है कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस सैनिकों के सम्मान और उनके परिवारों के कल्याण का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है।